अमित शाह के दौरे में तय किया गया जोगी के खिलाफ फर्जी रिपोर्ट का खाका , हड़बड़ी में कानूनी सलाह लेना भूले रमन:विक्रान्त तिवारी
जोगी एक्सप्रेस
बिलासपुर छत्तीसगढ़ की राजनीति में अपनी ज़मीन खिसकते देख भाजपा के राष्ट्रीय अध्य्क्ष अमित शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बढ़ते जनाधार को रोकने रणनीति तो बनाई पर बहुत बड़ी रण नीतिक चूक कर बैठे। विगत 1 साल में छत्तीसगढ़ के सर्व समाज मे जोगी जी की नई पार्टी के बढ़ते जनाधार से भाजपा को सत्ता खोने का डर सता रहा है। जिससे पार पाने मुख्यमंत्री रमन सिंह ने दिल्ली के नेताओं के आदेश पर जोगी को घेरने की तैयारी पूरी की, पर रमन सिंह ये भूल गए कि अंतिम जीत “अजित” की ही होती है। मुख्यमंत्री की कुरचिय रिपोर्ट जो कि पूर्णतः विवादित भी है और प्रथम दृष्टया फ़र्ज़ी भी। जिसे सरकारी दबाव में बनवाने के पहले न ही कानून को ध्यान में रखा गया न ही आदिवासियों की भावना का जिला प्रवक्ता विक्रान्त तिवारी ने बयान जारी कर कहा कि हड़बड़ी में बड़ी गलती कर बैठे है रमनसिंह। अजित जोगी को घेरने के लिए बिना तैयारी मैदान में आकर उन्होंने दर्शा दिया कि उन्हें सांत्वना पुरस्कार के रूप कुर्मी नेता रमेश बैस को रोकने मुख्यमंत्री बनाया गया था उनमे कोई राजनीतिक ज्ञान नही है। जिस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर डॉ रमन पूरे प्रदेश में जोगी जी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं उसे एक बार किसी वकील से दिखवाने भी जरूरी नही समझा। उक्त रिपोर्ट में बड़ी बड़ी खामियां है, जैसे कि6 लोगों की कमेटी में एक ही महिला अधिकारी रीना कंगाले का तीन पदों पर दस्तख़त होना बताता है कि फ़र्ज़ी रिपोर्ट बनाने कोई अधिकारी तैयार नही था जिसके कारण एक महिला अधिकारी पर दबाव डाल ये रिपोर्ट बनवाई गई। उसमे उल्लेखित वक्तव्य की जोगी परिवार में किसी भी सदस्य का कंवर समाज में रिश्ता नही हुआ है इसलिए ये आदिवासी नही हैं तो वो बता दें कि जोगी सार की ग्राम पंचायत द्वारा सभी गांव वासियों के हस्ताक्षर युक्त शपथ पत्र में जोगी जी को आदिवासी कैसे बताया गया। इससे साफ है कि रिपोर्ट गाँव मे जाके नही मुख्यमंत्री आवास में तैयार की गई है। और सबसे गंभीर गलती तो ये है कि विजलेंस रिपोर्ट जिसे शामिल करने के लिए हाई पावर कमिटी बाध्य है उसे संज्ञान तक मे लेना साजिश रचयिताओं ने मुनासिब नही समझा सुप्रीमकोर्ट के आदेशों की अव्हेलना करते हुए जो रिपोर्ट तैयार की गई है वो हाई पावर कमिटी की नही हाईकमान इन पावर (रमन सिंह) कमिटी की रिपोर्ट है जिसकी स्थिति कोर्ट में दयनीय होने वाली है और ऐसी बचकानी रिपोर्ट पर अपनी पीठ थपथपाने रमन सिंह अपने आका के पास दिल्ली भी पहुँच गये।विक्रान्त ने कहा कि दूसरी और प्रदेश में विलुप्ति की कगार पर आ चुकी काँग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भाजपा की जोगी ताल पर घूम घूम के पूरे प्रदेश में जोगी धुन गा के नाच दिखा रहे हैं। इस तुकबंदी में भूपेश बघेल ने अपना और भजपा का संबंध जनता के सामने पेश कर दिया जब भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद कुमार साय से घंटों चर्चा कर सार्वजनिक रूप से साथ में रणनीति बनाने लगे।गैरतलब हो कि भूपेश बघेल का राजनीतिक अस्तित्व ही जोगी विरोध पर टिक है और उनसे कानून या सामाजिक ज्ञान की अपेक्षा ही बेमानी है। इसलिए भूपेश बघेल की बातों को कोई गंभीरता से नही लेता। जकाँछ प्रवक्ता ने दोनों पार्टियों को आदिवासी विरोधी बताया और कहा कि ये जाति संबंधी बयान बाजी में बार बार “फ़र्जी आदिवासी” शब्द से सिर्फ जोगी जी की नही वर्ण पूरे समाज का नाम बदन हो रहा है। पहले भी 5 बार भाजपा और काँग्रेस के नेताओं द्वारा दबाव पूर्वक जाति प्रमाण पत्र निरस्त करवाया जा चुका है फिर उसे कोर्ट से बहाल किया जाता रहा है। किंतु दोनो पार्टियां आज खुद को न्यायलय से भी ऊपर समझने लगी है और न्यायालय के निर्णय के पहले ही अपना निर्णय सुना दिया जाता है,जो कि न्यायालय का अपमान है। रमन सिंह की ये बेचैनी बताती है कि प्रदेश में भाजपा का सिहांसन जोगी लहर में डोलने लगा है और अब आर पार की लड़ाई सरकार और जोगी जी के बीच शुरू हो गई है इसमें काँग्रेस मात्र एक वोट कटवा पार्टी बनने वाली है।जोगी जी अपने पूरे परिवार और समर्थकों के साथ प्रदेश की खुशाली के लिए पुष्कर में ब्रम्हा मंदिर में पूजा पाठ कर रहे वही बाबा गरीब नवाज ख्वाजा मोयुनेद्दीन चिस्ती की दरगाह, अजमेर में ज़ियारत कर दुआ करने आये हुए हैं।