November 24, 2024

मोदी सरकार का बजट गरीब विरोधी किसान विरोधी

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रिटेल में एफडीआई बढ़ाना छोटे व्यापारियों पर कुठाराघात

रायपुर- मोदी सरकार के बजट को गरीब विरोधी किसान विरोधी निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छोटे व्यापारियों को तो तबाह करने वाला फैसला इस बजट में है, जिसमें रिटेल में एफडीआई की वृद्धि की अनुमति दी गयी। अब बहुराष्ट्रीय कंपनियां छोटे दुकानदारों को कहीं का नहीं छोड़गी। जिस पेंशन की घोषणा बुजुर्ग व्यापारियों के लिये की गई मोदी सरकार को उस पेंशन की घोषणा सभी व्यापारियों के लिये कर देना चाहिये, क्योंकि व्यापारियों का व्यापार तो मोदी सरकार के इस फैसले से खत्म हो जायेगा। मोदी सरकार के बजट में केवल चंद बड़े उद्योगपतियों के हितों का ध्यान रखा गया है। इस बजट में गरीबों के लिये कुछ भी नहीं है। किसानों के लिये कुछ भी नहीं है। मजदूरों के लिये कुछ भी नहीं है। मध्यम वर्ग के लिये कुछ भी नहीं है। रेल्वे के निजीकरण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण से रोजगार के अवसर कम होंगे। आम आदमी के लिये केवल शौचालय और प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान, न रोजगार, न समृद्धि, न उसके लिये स्वास्थ्य और शिक्षा के समुचित प्रावधान पूरी तरीके से देश की तरक्की को बाधित करने वाला बजट है। निर्मला सीतारमण का बजट अम्बानी और अडानी की तरक्की बढ़ाने का बजट है, देश की तरक्की का बजट नहीं है। इस बजट से पूरे देश को निराशा हुई है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के लिये इस बजट में कुछ भी नहीं है। छत्तीसगढ़ के विकास के लिये कुछ भी नहीं है। छत्तीसगढ़ का कैरोसिन का कोटा पहले ही काटा जा चुका है। छत्तीसगढ़ चावल का कटोरा है, धान का कटोरा है और धान के समर्थन मूल्य में मात्र 3.71 प्रतिशत की वृद्धि की गयी। छत्तीसगढ़ की 90 प्रतिशत जनसंख्या अपनी जीविका के लिये खेती निर्भर करती है। धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि नहीं करने से मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता में छत्तीसगढ़ नहीं है। किसान नहीं है। धान नहीं है। मोदी जी और निर्मला सीतारमण जी की प्राथमिकता अंबानी और अडानी तक ही सीमित है।
बजट में मीडिया ने विदेशी निवेश का कांग्रेस ने विरोध किया है। बड़े और महत्वपूर्ण समाचार पत्र, समाचार चैनल विदेशी हाथों में चले जायेंगे जिसका लगातार मीडिया जगत विरोध करता रहा है।
रेल्वे इंफ्रास्ट्रक्चर के निजीकरण पर टिप्पणी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार पैतृक संपत्ति को बेच खाने वाले बिगड़ैल बेटे की तरह काम कर रहे है।
आम आदमी के लिये मोदी सरकार में शौचालय और कुछ लोगो के लिये प्रधानमंत्री आवास के अलावा और कुछ भी नहीं। अंबानी अडानी की तरक्की का बजट है। 7000 कंपनिया बंद हुयी। इनकी जगह अम्बानी अडानी की कंपनियां ले लेगी, यही मोदी सरकार की कुल अर्थनीति का सारे बजट से निकली है।
35 करोड़ एलईडी बांटे जाने का मोदी सरकार ने इस बजट में श्रेय लेने की कोशिश की है। घटिया क्वालिटी और हुये भ्रष्टाचार की भी जिम्मेदारी स्वीकार करे। मनमोहन सिंह सरकार में आर्थिक सुधारो को लाभ का श्रेय लेने की नाकाम कोशिश है। पं. नेहरू के द्वारा स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र में उद्योगों और रेल्वे को निजी हाथों में देने से, निजी क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों और रेल्वे के जाने से रोजगार के अवसर कम होंगे।
रोजगार देने में मोदी सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुयी है। मोदी सरकार पैतृक संपत्ति को बेचकर खाने वाले बिगडैल बेटे की तरह व्यवहार करती है। रेल्वे का निजीकरण करना गलत है। गांव, गरीब, उद्योग पर जोर की बात भ्रामक और गलत है। निजीकरण से बेरोजगारी बढ़ेगी। जनधन मुद्रा योजना की नई घोषणा दिखावा मात्र है। इन्हीं योजनाओं में पूर्व में पूर्व में कही गयी बातो को सही ढंग से पूरी नहीं किया गया। पेट्रोल डीजल में 1 रू. की वृद्धि से आम आदमी को नुकसान होगा। मध्यम वर्ग के लिये निराशाजनक बजट है।
देश के मौजूदा मिक्स इकॉनामी ढ़ाचे को तोड़कर पूंजीवाद को मजबूत करने की साजिश के तहत रिटेल में एफडीआई, बीमा सेक्टर में विदेशी कंपनियों को बढ़ावा देने 51 प्रतिशत एफडीआई मीडिया के क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश की अनुमति दी गयी है।
बैंको का संविलियन कर कुल 8 बैंको में मर्ज करने निर्णय जिससे एक ओर बैंकिंग सेक्टर में नौकरी में कटौती तो वहीं साजिश के तहत विदेशी बैंको को बुलाकर देश की अर्थव्यवस्था बाहरी ताकतो को सौपने की तैयारी है। सरकारी कंपनियों को बेचने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। बजट में एक ओर यहां छोटे और मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं दी गई।

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