अमित जोगी नोटिस से घबरा क्यों रहे : कांग्रेस
तथ्यों को दबाने के लिये प्रक्रिया पर सवाल उठाना भाजपा की बी टीम की फितरत
रायपुर- अंतागढ़ मामले के आरोपी छजका नेता अमित जोगी द्वारा मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल के द्वारा भेजे गये नोटिस पर की गयी बयानबाजी को कांग्रेस ने अमित जोगी की तिलमिलाहट बताया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आंनद शुक्ला ने कहा है कि अंतागढ़ कांड देश के प्रजातंत्र के माथे पर काला टीका है। तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके परिजनों ने मिलकर अंतागढ़ उपचुनाव में लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की थी। धनबल के सहारे विपक्षी दल के प्रत्याशी को चुनाव से बाहर करने का षडयंत्र रचा था। विशेष जांच दल के द्वारा भेजे गये नोटिस से अमित जोगी डर क्यों रहे है? जब अंतागढ़ जैसा अलोकतांत्रिक षडयंत्र रचा था तब उन्हें यह काम स्टुपिड वाल क्यों नहीं लगा था? तब तो अमित जोगी अपने आपको सबसे बड़ा होशियार होने का मुगालता पाल बैठे थे। कांग्रेस के विधायक होने के बाद अंतागढ़ उपचुनाव में भाजपा को मदद् करना क्या अच्छा काम था? अब जब आडियों के सेंपल देने की बात हो रही है तो सीधे-सीधे सेंपल देने के बजाय बयानों की उलटबाजियों का सहारा लेना उचित नहीं है। अमित जोगी भूल रहे है झूठ और षडयंत्र ज्यादा दिन छुप नहीं सकता। अब समय आ गया है कि अंतागढ़ के गुनाहगारों को सजा मिले। अमित जोगी में साहस हो तो वे अपना वाईस सेंपल जांच दल को दे कर जांच में सहयोग दे। प्रक्रियागत सवाल उठाकर मामले को घुमाने की जोगी परिवार की पुरानी फितरत है। नकली जाति मामले में भी जोगी परिवार शुरू से तथ्यों से नहीं प्रक्रियाओं पर सवाल खड़ा कर बचते आ रहा है। अंतागढ़ मामले में भी एक बार फिर से अमित जोगी वही अपनी पुराना पैतरा अजमा रहे है। छत्तीसगढ़ में अब सही में कानून का राज स्थापित हो चुका है। अपने रसूख के दम पर कानून को अपनी जेब में रख कर गैरकानूनी, अनैतिक काम करने वाले कुछ भी करे अब कानून से बच नहीं सकते।