November 23, 2024

समाज में शांति और विकास के लिए की जाती है ईश्वर की आराधना : डॉ. डहरिया

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नलकूप खनन्, रंगमंच और अतिरिक्त कक्ष निर्माण की घोषणा


रायपुर-नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि समाज में शान्ति और विकास के लिए सदियों से वर्तमान तक ईश्वर की आराधना की जाती रही है। उन्होंने कहा कि आरंग नगर प्राचीन काल से ही धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता रहा है। मौरध्वज की नगरी आरंग में दान दाताओं की कोई कमी नहीं है। समाज में शांति और विकास के लिए भगवान की उपासना तथा समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए भंडारा का आयोजन सराहनीय कार्य है। डॉ. डहरिया ने उक्त बातें सोमवार को रायपुर जिले के आरंग में भगवान शनिदेव जयंती महोत्सव के अवसर पर कहीं। उन्होंने लोगों को शनिदेव जयंती उत्सव की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मंत्री डॉ. डहरिया ने इस मौके पर आरंग वासियों की मांग पर वार्ड क्रमांक-14 में आम लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नलकूप खनन्, रंगमंच, अतिरिक्त कक्ष निर्माण सहित अनेक मांगों की घोषणा की। डॉ. डहरिया ने शीघ्र हो सकने वाले कार्यों को जनहित में तत्काल पूर्ण करने अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि हिन्दू धर्म परम्परा में लोग अराध्य देव की स्मरण करते रहे है। इसका मूल उद्देश्य समाज में शंति और सद्भाव स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि आरंग की संस्कृति में जनसेवा ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संवर्धित है। यहां जनसेवा के लिए तालाबों का निर्माण, अध्यात्म एवं पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों का निर्माण सर्वविदित है।
लोकार्पण कार्यक्रम में नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती करूणा तिवारी, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री दिनेश ठाकुर, वार्ड पार्षद श्रीमती कमला चन्द्राकर, क्षेत्रवासी श्री कोमल साहू, श्री लल्ला साहनी, श्री मंगलमूर्ति अग्रवाल, श्रीमती चन्द्रकला साहू, रमेश तिवारी, श्रीमती सलमा बेगम, श्रीमती राजेश्वरी साहू, श्रीमती गौरी बाई देवांगन, श्री रेखराज पात्रे, सर्वश्री रमेश देवांगन, राजकुमार गुप्ता, गणेश बांधे, अशोक चन्द्राकर, उपेन्द्र साहू, अनिल गुप्ता, कृष्णकुमार चन्द्राकर, प्रद्युम शर्मा, खिलेश देवांगन, मनोज तम्बोली, दीपक चन्द्राकर, संजय चेलक, लक्ष्मी नारायण लोधी, देवशरण साहू, समीर चौहान, भीम जलक्षत्रीय, श्री कैलाश ठाकुर, मनोहर लोधी सहित सामाजिक कार्यकर्तागण और जनप्रतिनिधिगण तथा नगरवासी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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