छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति को लेकर भाजपा का प्रचार झूठा, केंद्र की मोदी सरकार ने बिगाड़ी है देश की अर्थव्यवस्था:त्रिवेदी
नौ नगद चाहिये न तेरह उधार : अब हारेगी भाजपा सरकार
5 साल में 30,28,945 करोड़ का लिया कर्ज : 57 प्रतिशत बढ़ा कर्ज का भार
मोदी ने कर्ज लेकर लुटाया पैसा और देश की अर्थव्यवस्था का किया बंटाधार
रायपुर/03 मई 2019। छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति को लेकर भाजपा द्वारा हायतौबा मचाने पर पलटवार करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थित को लेकर भाजपा का झूठा प्रचार। केंद्र की मोदी सरकार ने बिगाड़ी है देश की अर्थव्यवस्था। मार्च 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार आने के पहले देश पर कुल 53 लाख 11 हजार करोड़ रूपये का कर्ज था। 5 साल के मोदी सरकार के कार्यकाल में देश पर कर्ज बढ़कर हो गया है। 83 लाख 40 हजार करोड़ रूपये। मोदी सरकार ने मात्र 4 साल 9 महीने में देश पर कुल 57 प्रतिशत कर्ज बढ़ा दिया, महंगाई बढ़ाया, बेरोजगारी बढ़ाया, आत्महत्या करते हजारों-लाखों किसानों को कोई सहारा दिये बिना भाग्य भरोसे छोड़ दिया। देश का विकास भी नहीं किया।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि केंद्र के ठीक विपरीत छत्तीसगढ़ की स्थिति है। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार किसी भी प्रकार के आर्थिक संकट में नहीं है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पूरी परिपक्वता, समझदारी एवं जिम्मेदारी के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वाह कर रही है। कांग्रेस सरकार अन्नदाता किसानों और राज्य की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी के लिये प्रतिबद्ध रही है। इस कारण कर्ज के बोझ से दबे आत्महत्या करते किसानों को कर्ज से राहत देने के लिये, कृषि प्रधान राज्य के किसानों की स्थिति में सुधार की लिये स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की अनुसार धान की 2500 रू. प्रति क्विंटल देने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार को कर्ज भी लेना पड़ा। लेकिन यह कर्ज कृषि एवं जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिये लिए गये और सरकार को पता है कि वह किस तरह से इस कर्ज को चुकायेगी।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब राज्य पर कोई ऋण नहीं था। 2019 में जब कांग्रेस को सत्ता वापस मिली तो तब प्रदेश पर लगभग 57000 करोड़ का कर्ज था। छत्तीसगढ़ के लोगों को कर्ज तले दबाकर, इस कर्ज में लिये पैसे को राज्य की भाजपा सरकार स्काई वाक, मोबाइल बांटने जैसी योजनाओ पर अनाप-शनाप पैसे खर्च करती रही और कमीशनखोरी में जुटी रही। ऋण लेने की शुरुआत भाजपा सरकार ने की, वह भी ऐसे निर्माण कार्यों के लिए जिसमें कमीशनखोरी हो सके। कांग्रेस की सरकार किसानों को कर्जमुक्त करने और उनका धान खरीदने के लिए ऋण ले रही हैं। भाजपा और कांग्रेस के चरित्र में यही फर्क है।