राहुल छत्तीसगढ़ के नेता लगते हैं तो केरल क्यों भेज दिया पुनिया जी : विक्रम उसेंडी
-कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के बयान पर भाजपा अध्यक्ष की प्रतिक्रिया
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया पर कटाक्ष कर सवाल किया है कि अगर उन्हें राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के नेता लगते हैं तो फिर उन्हें छत्तीसगढ़ से लोकसभा चुनाव क्यों नहीं लड़वाया? क्यों उन्हें मुस्लिम-ईसाई बहुल वायनाड (केरल) सीट से लड़वाया जा रहा है ?
श्री उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना का जिक्र करते हुए पुनिया को लगता है कि यह घोषणा राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में की थी, इसलिए वे छत्तीसगढ़ के ही नेता हैं। अगर यह राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ प्रेम है तो फिर 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ से उन्हें लोकसभा चुनाव लडऩे का न्योता तक क्यों नहीं दिया? दरअसल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तीन महीनों की कारगुजारियों के चलते राहुल गांधी को ही अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत का भरोसा नहीं रह गया है, इसलिए केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़कर उन्होंने छत्तीसगढ़ के कांग्रेसियों और सरकार को ही असली सूरत दिखा दी है।
श्री उसेंडी ने कहा कि सरकार में आते ही जनता से किये वादे खूंटी पर टांग कर कमीशनबाजी, अवैध वसूली, लूट खसोट और उत्पीडऩ की दुकान खोलकर कांग्रेस ने जो चरित्र दिखाया है, उसे देखते हुए ही पुनिया को छत्तीसगढ़ के नेता नजर आने वाले राहुल गांधी ने मुस्लिम-ईसाई बहुल क्षेत्र वायनाड में राजनीतिक गुजारा भत्ता हासिल करने का फैसला किया। अगर छत्तीसगढ़ में राहुल के लिए कोई संभावनाएं होतीं तो पुनिया जी के छत्तीसगढिय़ा नेता राहुल गांधी वायनाड जाने मजबूर नहीं होते। जब अमेठी की पुश्तैनी सीट पर भी राहुल को हार नजर आने लगी तो पुनिया जी और भूपेश बघेल उन्हें यहां से चुनाव लडऩे का न्यौता दे सकते थे लेकिन हवा में उड़ रहे पुनिया और भूपेश को अहसास है कि छत्तीसगढ़ की जनता का भ्रम टूट चुका है, कांग्रेस का मायाजाल बिखर चुका है और कांग्रेस अध्यक्ष तक के लिए अब यह राज्य सुरक्षित नहीं रह गया है। इसीलिए कांग्रेस के शहजादे को केरल भेजा गया है।