कांग्रेस सरकार बनने पर युवाओं को नये बिजनेस शुरू करने सरकारी दफ्तरों में भटकने की आवश्यकता नहीं :धनंजय सिंह
रायपुर/27 मार्च 2019। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने पर देश के युवाओं को नये बिजनेस शुरू करने के दौरान सरकारी दफ्तरो के कागजी कार्यवाही से तीन साल तक मुक्त रखने का वादा किया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा युवाओं के लिये बनाई गई योजना को बेरोजगारी दूर करने में मील का पत्थर बताया। पढ़े-लिखे युवा नया बिजनेस शुरू करने जाते है तब उन्हें सरकारी दफ्तरों के कागजी कार्यवाही को पूरा करने के दौरान गुमराह होकर भ्रष्टाचार एवं मानसिक वेदना से गुजरना पड़ता है। ऐसे में कई युवा नया बिजनेस शुरू करने की कागजी कार्यवाही पूरा करते करते मानसिक रूप से थक जाते है और बिजनेस शुरू करने के पहले ही हताश और निराश हो जाते है। हताश और निराश युवा बिजनेस शुरू कर पूरी तरीके से उस पर फोकस नहीं कर पाता है जिसे उनके व्यवसाय में नुकसान होता है और उनका व्यवसाय बंद हो जाता है। आर्थिक समस्यायें उत्पन्न हो जाती है इस सभी कठिनाई से बचाने के लिये युवाओं को व्यवसाय की ओर प्रेरित करने नये बिजनेस शुरू करने युवाओं को तीन साल तक लिये कागजी कार्यवाही में छूट दी जायेगी, जो देश के विकास के पथ पर मील का पत्थर साबित होगा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आजादी के बाद देश की आर्थिक हालत को सुधारने कांग्रेस की सरकारों ने निरंतर योजनायें बनाई और उसका लाभ आम जनता को सुलभ तरीके से मिले इसकी भी व्यवस्था की है। लेकिन 2014 में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद चंद उद्योगपतियों के हाथों में देश के व्यापार, व्यवसाय, उद्योग को देने के लिये तानाशाही मनमानी तरीके से जो नीतियां बनाई जिसके कारण युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाया, बल्कि भाजपा का नेता तो पढ़े-लिखे युवाओं को पकोड़े तलने की सलाह देकर उनका उपहास उड़ाने का काम किया है। भाजपा के नेता बेरोजगारी के सवालों पर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, इंजीनियर, एम.बी.ए. के पढ़ाई कर चुके युवाओं के सामने भीख मांगने और पंचर बनाने को भी रोजगार का उदाहरण देते थे और देश में आर्थिक, व्यापारिक समस्यायें उत्पन्न हुई है। नोटबंदी और जीएसटी के कारण छोटे और मंझोले उद्योग और व्यवसाय चौपट हो गये, जिसके कारण पूरे देश में पौने पांच करोड़ लोगों के रोजगार खत्म हो गये। मोदी-भाजपा ने प्रतिवर्ष 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा, इसके लिये उनके द्वारा कोई रोडमैप नहीं बनाया गया।