कबीर पंथ के रिवाजों को मानने वालो पर गिरी सामाजिक बहिष्कार, की गाज,
रायपुर । भारत के संविधान के अनुसार किसी भी धर्म को मानना रीति-रिवाजों को निभाना हर व्यक्ति की अपनी पसंद है और कोई भी व्यक्ति किसी भी बात के लिए बाध्य नहीं कर सकता किसी भी व्यक्ति विशेष के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकता कि वह किस धर्म का अनुसरण करें या किस तरह की रीति रिवाजों को निभाए भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म के सिद्धांतों का अनुसरण करने अभ्यास करने का मौलिक अधिकार प्रत्येक व्यक्ति को प्राप्त है।
आज पूरा देश जहां सामाजिक एकता और सामाजिक समानता की बात कर रहा है वही आज भी संत कबीर के आदेशों को मानने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है छत्तीसगढ़ के क्षेत्र में जहां कबीरपंथी नियमों का पालन करने को कुछ लोगों द्वारा साहू समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है।
आज रायपुर पहुँचे ऐसे ही पीड़ितों ने बताया कि कुछ लोगों के द्वारा संत कबीर के आदेशों को मानने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है इसके साथ ही पुलिस में रिपोर्ट लिखाने पर पीड़ितों पर जानलेवा हमला एवं टोनही कह कर भी प्रताड़ित किया जा रहा है।
पीड़ितों के साथ आए एक मानव समाज के प्रदेश अध्यक्ष सुबोध देव ने बताया कि पिछली सरकारों ने भी इस संबंध में एक विधेयक प्रस्तावित किया था लेकिन चुनाव पर चलकर और लंबित रह जाए ऐसे में पीड़ितों को न्याय की उम्मीद और आशा है।
पीड़ितों ने मांग की है कि सामाजिक बहिष्कार करने वाले लोगों को जल्द से जल्द दंडित किया जाए एवं पीड़ितों को उचित न्याय दिलाया जाए।