मरवाही विधायक अमित जोगी की पहल पर प्रधानमंत्री ने किया हस्तक्षेप
– केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री को मिले निर्देश
– नेशनल वाटर फ्रेमवर्क बिल को लागू करने विधानसभा में संकल्प पारित करने कहा
– अमित जोगी ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में उठाया था मुद्दा। तत्पश्चात लिखा था मोदी को पत्र
जोगी एक्सप्रेस
अपने पत्र में जोगी ने प्रधानमंत्री से कहा था कि उनके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मई २०१६ में नेशनल वाटर फ्रेमवर्क बिल का मसौदा तैयार किया था जिसके तहत उपलब्ध जल की प्राथमिकता तय की गयी थी। इसके अनुसार पहली प्राथमिकता पेयजल, दूसरी कृषि और उसके पश्चात उद्योगों के लिए होनी थी। इसके लिए केंद्र ने राज्य सरकारों से इस बिल को अपनी विधानसभाओं में पास करवाने कहा था जिससे की यह कानून का रूप ले सके। लेकिन केंद्र सरकार की मंशा के विपरीत रमन सरकार किसानों के हक़ का पूरा पानी उद्योगों को दे रही है। जोगी ने हसदेव बांगो, समोदा बैराज, पारस कोल वाशरी और महानदी में बन रहे बैराज के प्रकरणों का वर्णन किया था। लोकहित को देखते हुए प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को आवश्यक दिशा निर्देश देने का अनुरोध किया था।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के जवाब में केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालियन ने पत्र लिख कर विधायक अमित जोगी को सूचित किया है कि जोगी की पहल पर इस विषय को संज्ञान में लेते हुए प्रधानमंत्री ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के माध्यम से समस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों में इस बिल को लागू करने के लिए कहा है। केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री द्वारा भेजे गए पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित जोगी ने कहा कि नेशनल वाटर फ्रेमवर्क बिल को लागू करने की सबसे ज्यादा आवश्यकता छत्तीसगढ़ में है क्योंकि यहाँ पर किसान एक एक बूँद पानी के लिए तरस रहा है लेकिन राज्य सरकार द्वारा उनका पूरी तरह से शोषण करके उनके हक़ का पानी उद्योगों को दिया जा रहा है। महानदी जो प्रदेश की जीवन दायनी नदी है उस पर राज्य सरकार करोड़ों रूपए खर्च कर ७ बैराज बना रही है लेकिन इसका एक बूँद भी पानी किसानों को नहीं मिलेगा। अमित जोगी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी सवाल किया है कि क्या वे अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए कहेंगे? जोगी ने कहा की भाजपा ने किसानों से समर्थन मूल्य और बोनस के सम्बन्ध में किया गया चुनावी वादा तो पूरा किया नहीं है। कम से कम अन्न दाता पर कृपा करके सत्ताधारी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने प्रदेश प्रवास के दौरान किसानों को उनके हक़ का पानी दिलवा दें।