पत्रकारों के खिलाफ की गयी झूठी शिकायत ,बिना जांच किये थाना प्रभारी ने किया अपराध पंजीबद्ध झूटी कार्यवाही से सभी पत्रकार संघो में नाराजगी ,जताया विरोध
जोगी एक्सप्रेस
बिलासपुर : पत्रकारो के साथ मारपीट ,फर्जी शिकायत होने की खबर आये दिन देखने सुनने और पढ़ने को मिल रही है जिसका एक मात्र उद्देश्य सच्ची पत्रकारिता का दमन करना है ।
ऐसा ही एक मामला बिलासपुर में सामने आया है जिसमे एक निजी चैनल के संवाददाता द्वारा द्वेष पूर्ण वेब पोर्टल के पदाधिकारियो पर शिकायत दर्ज कराया है ।
प्राप्त जानकारी के यह शिकायत पत्रकारो के खिलाफ होने से इस मामले ने जल्द ही तूल पकड़ लिया जिसके पीछे मुख्य कारण यह भी था कि इस मामले में पुलिस ने सम्बंधित वेब पोर्टल के चार लोगो पर बिना किसी सुचना ,जांच या सुनवाई का अवसर दिए ही अपराध पंजीबद्ध किया गया ।जिस कार्यवाही को स्थानीय पत्रकारों सहित नगरवासियो ने गलत ठहराते हुते नाराजगी जाहिर किया जिस कारण मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है जो की स्थानीय लोगो में चर्चा का विषय है
क्या है मामला
गत दिवस एक अखबार में ‘ चैनल के नाम पर चल रहा फर्जी वेब पोर्टल ‘ शीर्षक नामक समाचार प्रकाशित गया था जिसमे उल्लेख किया गया था कि न्यूज़ चैनल के संवाददाता शैलेंद्र पाठक द्वारा
निजी चैनल के नाम से पोर्टल चलाने वाले कुछ पत्रकारो के खिलाफ दर्ज कराया गया जिसमें यह भी बताया गया था की पुलिस ने जांच के बाद उक्त वेबपोर्टल से सम्बंधित चार लोगो के विरुद्ध धारा 420 एवम कॉपीराइट एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है ।
वहीँ अगर स्थानीय जानकारों की माने तो पत्रकारो के विरुद्घ शिकायत के मामले पर थाना प्रभारी द्वारा अपने उच्च अधिकारियो को मामले से अवगत कराने पश्चात उनके द्वारा दिए गए आदेशानुसार ही आगे की कार्यवाही किया जाना है तथा कुछ जानकारों का तो यह भी कहना है कि पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों के जांच किये बिना किसी भी पत्रकार के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध थाना प्रभारी द्वारा नही किया जा सकता है ।
इस सम्बन्ध में सहारा समय न्यूज (वेब चैनल) के सीईओ उत्पल सेन गुप्ता ने बताया कि
समय एक सेटेलाइट चैनल है और
(वेब चैनल) है। जिसका सर्वर इंटरनेशनल है। इसका विधिवत पंजीयन भारत उद्योग मंत्रालय में किया गया है। जिसकी जानकारी शायद शिकायतकर्ता के संज्ञान में नही था। सहारा समय न्यूज़ (वेब चैनल) के पदाधिकारियो द्वारा पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के समक्ष उपस्थित होकर इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराते हुए शिकायतकर्ता के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने के साथ पुरे मामले की जांच कराने आवेदन प्रस्तुत किया गया है ।
लेकिन यहां पर यह बात समझ से परे है कि आखिर पुलिस द्वारा वाकई में अपनी सक्रियता दिखाते हुए शिकायत मिलने के साथ ही सम्बंधित अपराधों को पंजीबद्ध करते हुए तत्काल धारा लगाया गया था या फिर अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में उच्च पदों पर बैठे हुए दिग्गजो के आदेश का पालन किया है ।
बहरहाल कारण जो भी हो लेकिन सच्चाई अब तो जांच के बाद ही सामने आ पायेगी लेकिन इस मामले में देखना यह दिलचस्प होगा की पुलिस द्वारा आगे क्या कार्यवाही की जाती है।
इनका कहना है ….
हमारे पास शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया था की, हमारी संस्था जो की सहारा समय के नाम से चल रही है ,इसी संस्था के नाम से एक दूसरी संस्था ने भी हमारा लोगो और और प्रसारण अधिकार पर दखल बना रहा जो की पुर्णतः अवैध है और सहारा समय के ही नाम से मार्कटिंग की जा रही जिस पर कार्यवाही करते हुए विभिन्न धाराओं के तहत एफ. आई. आर. दर्ज की व अभी जाँच चल रही जाँच पूर्ण होने तक अभी कुछ कहा नहीं जा सकता ,हमने दोनों ही पछ से सम्बंदित न्यूज़ चैनलों के वैध दस्तावेज की मांग की है !अब सारी जाँच पूर्ण हो जाये तभी इस पर मै कुछ कह पाउँगा
तलभ सिन्हा
सायबर सेल प्रभारी बिलासपुर
जब इस सम्बन्ध में थाना प्रभारी से उनका पछ जानने के लिए संपर्क करना चाहे तो थाना प्रभारी द्वारा फ़ोन रिसिव नहीं किया गया
पी ,एस.निशात
थाना तार भार बिलासपुर
बिना जाँच पड़ताल किये एक पत्रकार पर एफ आई आर दर्ज करना ,वो भी इतनी जल्दी और हडबडाहट में इस पर संदेह है ,ये एक गंभीर विषय है और कलमकारों को दबाने की साजिश की जा रही ,कलमकार कोई अपराधी तो नहीं की भाग रहे ,तो फिर क्यू बिना जाँच की प्रक्रिया पूर्ण हुए एफ आई आर दर्ज की गयी ,हम छत्तीसगढ़ शासन से मांग करते है की इस मामले की निस्पछ जाँच कराई जाये ,और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग करते है ,यदि प्रशासन ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई तो अखिल भारती पत्रकार सुरक्षासमिति प्रदेश स्तरपर धरना प्रदर्शन करेगी जिसकी सारी जिम्मेवारी शासन की होगी
अजय तिवारी प्रदेश उपध्यक्ष
अखिल भारती पत्रकार सुरछा समिति छत्तीसगढ़
पत्रकारो के विरुद्ध जो इस प्रकार का एफ.आई.आर. दर्ज किया गया है वह पूर्ण रूप से गलत है ।किसी भी पत्रकार की खिलाफ शिकायत प्राप्त होने पर पूर्ण जांच करने के पश्चात ही एफआईआर दर्ज किया जाए ।बिना जांच किये एफ.आई.आर. जो किया है उसे हमारा संगठन बर्दाश्त नही करेगा अगर आवश्यकता पड़ी तो पत्रकार हित में संगठन द्वारा आंदोलन भी किया जायेगा।