November 23, 2024

मोदी प्रशंसा और अमित शाह की परिक्रमा करते बीत गया छत्तीसगढ़ के 10 भाजपा सांसदों का कार्यकाल ; धनंजय सिंह

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छत्तीसगढ़ के हित को लेकर भाजपा के सांसद मोदी और लोकसभा में बात नहीं रख पाये 

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ के दस भाजपा सांसदों के कार्यकाल को निराशाजनक एवं छत्तीसगढ़ के जन आकांक्षाओं को पूरा करने में नाकाम असफल करार दिया। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ भाजपा के सांसदों का कार्यकाल मोदी प्रशंसा और अमित शाह का परिक्रमा करने तक सिमट गया। भाजपा सांसद एकजुट होकर भी छत्तीसगढ़ के हित की बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कहने से डरते रहे हैं, जिसका दुष्परिणाम राज्य की जनता को उठाना पड़ा है। सांसदों के द्वारा गोद लिये गांव की स्थिति बद से बदतर है। एक गांव का विकास कराने में सांसद अक्षम साबित हुये है। लोकसभा में भी पूर्व की रमन सरकार के दौरान किसान, युवा, महिलाओं, मजदूरों पर हो रहे अत्याचार को उठाने में चुप रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रतिवर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाले मोदी सरकार से छत्तीसगढ़ के युवाओं के हिस्से का रोजगार नहीं दिला पाये। विभिन्न केंद्रीय योजनाओं को छत्तीसगढ़ में लाने में असफल रहे हैं। पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में मनमानी तरीके ऐ अधिग्रहित किसानों की जमीनों का मुआवजा दिलाने में नाकाम रहे और भूमि अधिग्रहण के नियमों का पालन नहीं करा पाये। छत्तीसगढ़ में एक भी स्मार्ट सिटी नही बन पाना भाजपा सांसदों की छत्तीसगढ़ को लेकर उदासीनता को दर्शाता है। स्वच्छ भारत अभियान में झाड़ू लेकर फोटो सेशन तक सीमित रहे, शौचालय निर्माण में भारी भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी में मौन रहे हैं। किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2100 रुपया और 300 रुपया बोनस प्रतिक्विंटल दिलाने में भी नाकाम रहे हैं। जिसे हताश परेशान कर्ज में दबे किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी फसल बीमा मुआवजा राशि वितरण में अनियमितता में मौन रहे। दिव्यांग योगेश साहू रोजगार की मांग करते रहे  अंततः परेशान होकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास के सामने आत्मदाह कर लिए और छत्तीसगढ़ सरकार आउटसोर्सिंग से भर्ती का करती रही जिसका विरोध नहीं किया। मनरेगा में निर्धारित काम की अवधि और कार्य के पश्चात भुगतान में हुई देरी पर भी इनकी मौन चुप्पी का नुकसान मनरेगा में काम करने वालों को हुआ। छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं का विस्तार नहीं होना और नई रेल परियोजना का शुरू नहीं हो पाना भी नाकाबिलियत को उजागर करता है

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