पत्रकारों की माँग पर कार्यवाही न कर पाने में भाजपा असमर्थ,लोकसभा में जनता होगी निर्णय लेने में सामर्थ, खुदा खैर करे,
पत्रकारों की अनदेखी करना कही भाजपा को न पड़ जाए भारी, अहंकार में डूबे नेताओं को नही है कोई चिंता, ख़ुदा खैर करे
देश की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा अपने ही नेताओं के आगे बौनी
पार्टी के नेता ही नही मानते प्रदेश अध्यक्ष की बात
गुटबाजी के चक्कर मे कही लोकसभा की 11 सीटें न जाए फिसल
रायपुर : देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है पूरे देश में आज जहां आने वाले दिनों में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं ऐसे में पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व लोगों को जोड़ने और पार्टी की विचारधारा के साथ लाने के लिए एड़ी चोटी करने में लगा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश का नेतृत्व लोगों के बीच में पार्टी की छवि को मजबूती से बनाए रखने में असमर्थ सा नजर आ रहा है भारतीय जनता पार्टी के अंदर बचे हुए अंतरकलह से कभी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी के ही लोग पार्टी की ही थू थू करा रहे तो कभी कुछ और मामले को लेकर पार्टी की छवि धूमिल होती जा रही है ऐसे में हाल ही में प्रदेश की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है पार्टी के कार्यालय में हुए पत्रकार पर हमले ने .बता दें बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय में जिला अध्यक्ष की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें विजुअल्स बनाने के लिए पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया था इसी दौरान एक पत्रकार और कुछ भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हो गई और उसके बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उस पत्रकार को पीट दिया था इस घटना के बाद से पत्रकार भारतीय जनता पार्टी के विरोध में सड़क पर आ गए हैं और बाकायदा भाजपा कार्यालय के बाहर और उसके बाद रायपुर प्रेस क्लब के बाहर पत्रकारों का अनिश्चितकालीन धरना जारी है.
इस घटना ने पूरे प्रदेश की राजनीति को एक और झकझोर कर रख दिया है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के कानों में जु भी नहीं रेंग रही है पत्रकार और प्रदेश का दूसरे संगठन जो लगातार पत्रकारों के समर्थन में सामने आ रहे हैं मांग कर रहे हैं कि दोषियों पर कार्रवाई पार्टी करें लेकिन पार्टी किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने से अभी बचते नजर आ रही है.
इतना ही नहीं प्रदेश के सभी राजनीतिक दल भी पत्रकारों के समर्थन में सामने आ चुके हैं जिस में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में भी अपना पुरजोर समर्थन पत्रकारों को दिया है
भाजपा कार्यालय में पत्रकार पर हुए हमले के विरोध में रायपुर प्रेस क्लब के सामने पत्रकार बैठे धरने पर। धरना स्थल पर चेयरमैन शैलेश नितिन त्रिवेदी और साथी प्रवक्तागण भी प्रेस क्लब पहुंचकर पत्रकारों को अपने समर्थन दे चुके हैं।मीडिया सेल प्रभारी राधा राजपाल भी मोती बाग स्थित पत्रकारों के बीच पहुची और उन्हों ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की
इसके साथ ही प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी प्रेस क्लब पहुंचकर पत्रकारों को अपना समर्थन दे चुके सभी लोगों ने मांग की है कि भारतीय जनता पार्टी तत्काल कार्यवाही करें और पत्रकारों के विरुद्ध होने वाले अत्याचारों पर लगाम लगाई जा सके ।
इन सब घटनाक्रमों के बाद भी भाजपा की ओर से किसी भी प्रकार की कार्रवाई की कोई संकेत भी नहीं मिल रहे हैं जो कि आने वाले दिनों में होने वाले लोकसभा चुनाव पर पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो पार्टी का अंतरकलह है जो अब जगजाहिर हो चुका है पार्टी के अंदर के लोग अब पार्टी की बातों को सार्वजनिक और सोशल मीडिया पर जिस प्रकार से रख रहे हैं उससे आने वाले दिनों में होने वाले लोकसभा चुनाव में निश्चित तौर पर पार्टी के लिए नुकसान होता दिखाई दे रहा है ।
सूत्रों की मानें तो अब पार्टी के लोग यह तक कह रहे हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में 11 की 11 सीटें कांग्रेस पार्टी के खाते में जाती नजर आ रहे हैं खैर अब यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है पत्रकारों की जीत होती है या भाजपा की हार कुछ ही दिनों में जब लोकसभा के चुनाव होंगे तो उन्हें विधानसभा चुनाव के तर्ज पर नतीजे आते हैं या इससे परिणति जाते हैं यह साफ हो जाएगा. बरहाल देखना यह है कि भाजपा पत्रकारों को अपने साथ लेकर के चलती है या पत्रकारों से दुर्व्यवहार के चलते उनके कोप का भाजन शिकार बनती है. अब नोउबत यहाँ तक आ गई है कि भाजपा का समाचार लगाने में भी पत्रकार कतराने लगे है वजह यही बताई जा रही कि इस पार्टी में किसी का कोई नियंत्रण नही रहा न जाने कब कौन इनका शिकार बन जाए, जिस पार्टी के लोग महिला सम्मान की बात तो करते है परंतू जब महिला पत्रकार समाचार संकलन हेतु इनके कार्यालय जाती है तो ये बदसलूकी पर उतारू हो जाते है जानकारों की माने तो भाजपा में कुछ लोग की पहुँच माफियाओं से है और कई प्रकरण भी उन पर दर्ज है, न जाने कब क्या कर बैठे,जिसकी कल्पना कर पत्रकार थर्रा जाते है। भय और ख़ौफ़ का ऐसा माहौल सिर्फ भाजपा में ही देखने को इस समय नज़र आ रहा,