November 23, 2024

पत्रकारों का आंदोलन बना जन आंदोलन, मारपीट करने वाले भाजपाइयों पर पार्टी ने नहीं की अब तक कार्रवाई मशाल लेकर पत्रकार उतरे सड़को पर

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आज दिनभर चलेगा हस्ताक्षर अभियान 

रायपुर ,प्रेस क्लब द्वारा आयोजित अनिश्चितकालीन महाधरना तीसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा। शाम होते ही पत्रकार सडको पर उतरे, मशाल रैली निकाली गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि पत्रकारों से मारपीट करने वालो के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी को एक्शन लेना चाहिए, मारपीट के आरोपियों को थाने से माला पहना कर ले जाना बताता है कि, वो पत्रकारों को पीटने वालों का सम्मान करेंगे। लगता है जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना होगा।

बीते शनिवार एकात्म परिसर में बैठक के दौरान पत्रकारों से हुई मारपीट के विरोध में धरना दिया जा रहा है
। सोमवार को रायपुर के अलावा जगदलपुर कवर्धा धमतरी बिलासपुर रायगढ़ के पत्रकार संगठनों में भी सांकेतिक रूप से धरना देकर अपना विरोध जताया।

प्रेस क्लब के पास चल रहे इस महाधरना में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस प्रमुख अजीत जोगी भी पहुंचे उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को नैतिकता दिखाते हुए मारपीट में संलिप्त दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए सरकार को भी यह देखना चाहिए कि पत्रकारों के साथ हुए इस कृत्य में कानूनी धाराएं बड़ा कर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ।

प्रदेश भर में हो रहा आंदोलन
राजधानी के अलावा अन्य जिलों में भी पत्रकार सड़क पर है। बिलासपुर में अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति ने नेहरु चोक पर धरना दिया, इसके अलावा बीजापुर, जगदलपुर, कवर्धा रायगढ़ में धरना प्रदर्शन हुआ, आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी प्रदर्शन होनेवाले है । प्रदेश भर के पत्रकार राजधानी महा रैली क लिये जुटने वाले है ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार रुचिर गर्ग इस मौके पर मौजूद रहे उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद निंदनीय है और इस पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस महा धरना को तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ समेत, वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन, माकपा, शिवसेना, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, कांग्रेस कमेटी के अल्प संख्यक विभाग, छत्तीसगढ़ फ़िल्म कलाकार एसोसिएशन, महिला कांग्रेस पिछड़ा वर्ग, राष्ट्रीय सैनिक संस्थान, नागरिक संघर्ष समिति, यूथ कांग्रेस, छत्तीसगढ़िया अधिकार समिति, आदिवासी छात्र संगठन, अवामे हिन्द, नेशनल मीडिया फाउंडेशन, धोबी कर्मचारी संघ, प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, समेत दर्जनों संगठनों ने अपना समर्थन दिया है लिहाजा पत्रकारों की लड़ाई अब आम जनता की लड़ाई बन चुकी है।

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