अंतरिम बजट : अच्छे दिनों के सपने से बहुत दूर एवं निराशाजनक :रमेश वर्ल्यानी
रायपुर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने अंतिरम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि मोदी सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में पेश किये गये अंतरिम बजट उनके अच्छे दिनों के सपने से बहुत दूर एवं निराशाजनक है। इस बजट में युवा, बेरोजगारो, कामगारो, महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गो और आम आदमी के हितो के लिये कुछ भी नहीं है। उन्होने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किसानो ंकी कर्जमाफी की मुहिम तथा किसान के उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिये जाने की घोषण का परिणाम है कि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें बनी। रायपुर की किसान आभार रैली में श्री गांधी द्वारा न्यूनतम आय गांरटी योजना की घोषणा तथा किसानो की कर्जा माफी से भयभीत होकर, मोदी सरकार ने 5 एकड़ के किसान को 6000 रू. सालाना अर्थात 500 रू. प्रतिमाह नाममात्र की नगद राहत देने की घोषणा की है, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है और यह किसानों का अपमान है। देश के किसान कर्जमाफी, उत्पादन लागत में कमी तथा अपने उत्पादन का लाभकारी मूल्य स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार चाहते है। उन्होनें कहा कि मोदी सरकार देश के 15 औद्योगिक घरानों का साढ़े तीन लाख करोड़ रू. का कर्ज एक झटके में माफ कर देती है, लेकिन किसानों की कर्जमाफी को लेकर मौन धारण कर लेती है। मोदी सरकार के एजेंडे में बड़े पूंजीपति प्राथमिकता पर है और आम-आदमी के हितों को हाशिये पर रख छोड़ा गया है। दो करोड़ लोगो को हर साल रोजगार देने की घोषणा करने वाली मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में बरोजगारों को छला है और इस बजट में भी उनके रोजगार के लिये कुछ नहीं किया गया। सूक्ष्म और लघुउद्योग हमेशा रोजगार-सृजन में अग्रणी रहते है, लेकिन नोटबंदी और जीएसटी की मार से ये उद्योग बंद हो गये है या बंद होने की कगार पर है। फिर भी इन उद्योगो को उबारने के लिये कुछ नहीं किया गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली हमेशा आयकर छूट सीमा को अढ़ाई लाख रू. से बढ़ाकर 5 लाख रू. किये जाने की मांग करते थे। मोदी सरकार के विगत 4 सालो में उन्होंने छूट सीमा को नहीं बढ़ाया। अब लोकसभा चुनाव की बेला में बाध्य होकर उन्होंने इसे अढाई लाख रू. से बढ़ाकर पांच लाख रू. किया है। जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में रमन सरकार ने किसानों को हर साल बोनस देने की घोषणा के बावजूद दो सालों का बोनस नहीं दिया, ठीक उसी तर्ज पर केंद्रीय वित्तमंत्री ने आयकर दात्राओं को विगत चार सालों में मिलने वाली राहत से वंचित रखा। श्री वर्ल्यानी ने कहा कि मोदी-राज में अंतराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में कमी के बावजूद देश के उपभोक्ताओं को कम दरों में पेट्रोल-डीजल से वंचित रखा गया और एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर देश की जनता से 10 लाख करोड़ रू. वसूल कर लिये गये। इसी वसूली गई रकम का छोटा सा अंश किसानों और आयकर दाताओं को देकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया गया है, लेकिन केंद्र सरकार में बैठे लोग यह भूल जाते है कि चुनावी साल में जनता सरकारी राहत के भुलावे में नहीं फंसती है। छत्तीसगढ़ में मोबाईल बांटने का हश्र रमन सरकार देख चुकी है। उन्होंने का कि यह मोदी सरकार का अंतिम बजट सिद्ध होगा।