खरीदी के अंतिम चरण में धान की आवक बढ़ना जांच का विषय: भाजपा
विधायकों ने पूछा: क्या सरकार धान रि-साइकिलिंग कर चंदा जुटाने का काम कर रही?
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने धान खरीदी के अंतिम चरण में भू-स्वामियों के खाते में धान बिक्री बढ़ने के मामले को चिंताजनक माना है। पार्टी ने धान खरीदी के इस फर्जीवाड़े की बारीकी से जांच कर इस पर रोक लगाने की मांग की है।
भाजपा विधायक द्वय भीमा मंडावी व नारायण चंदेल ने शुक्रवार को जारी अपने संयुक्त वक्तव्य में इस बात पर चिंता व्यक्त की कि धान खरीदी के अंतिम चरण में समितियों में बिक्री के लिए धान की आवक एकाएक बढ़ गई है। इस सत्र में अक्टूबर से लेकर जनवरी के पहले पखवाड़े तक प्रायः सभी किसानों ने अपनी उपज का धान बेच दिया है, लेकिन अंतिम पखवाड़े में धान की एकाएक बढ़ी आवक से फर्जीवाड़े की आशंका बलवती हुई है। मंडावी व चंदेल ने कहा कि कई किसानों, जिन्होंने अब तक समितियों को धान नहीं बेचा, के खातों में गैर-किसान और दलाल-कोचिए धान बेचने समितियों में पहुंच रहे हैं। सवाल यह भी है कि क्या मिलर्स को दिए गए धान की रि-साइकिलिंग हो रही है? पूर्व भाजपा सरकार ने 75 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का लक्ष्य तय किया था जबकि सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे बढ़ाकर 85 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का लक्ष्य तय किया। यह 10 लाख मीटरिक टन धान क्या धान की रि-साइकिलिंग से जुटाए जाने की मंशा थी ताकि मिलर्स-दलाल-कोचियों से चंदा वसूला जा सके?
विधायक द्वय ने कहा कि धान खरीदी में फर्जीवाड़ा की पुष्टि इससे भी होती है कि जिन किसानों के खातों में धान बेचा जा रहा है, उन्होंने साढ़े तीन माह की अवधि में एक बार भी धान बेचने का प्रयास किया होता। मंडावी व चंदेल ने मांग की कि इस तमाम गोरखधंधे में शामिल लोगों की पहचान करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।