लंबित राजस्व प्रकरणों का शीघ्रता से हो निराकरण: जयसिंह अग्रवाल
रायपुर :राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन तथा पुनर्वास विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने राजस्व के सभी लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने खास तौर से नामांतरण, बंटवारा तथा सीमांकन के प्रकरणों पर विशेष ध्यान देने कहा। श्री अग्रवाल ने आपदा प्रबंधन तथा पुनर्वास कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन सहित लोगों को तत्परता से समय पर राहत सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने त्वरित आपदा प्रबंधन के लिए राज्य के हर जिला मुख्यालय में फायर ब्रिगेड की सुविधा भी सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया।
राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने बैठक में भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण, भुईंया कार्यक्रम के तहत मोबाइल तथा आधार प्रविष्टि, राजस्व प्रकरणों के निराकरण की अद्यतन स्थिति और आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति लाने के लिए विभागीय सेटअप के अनुसार स्वीकृत पदों पर भर्ती तथा पदोन्नति के जरिए रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति करने के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए। श्री अग्रवाल ने आबादी भूमि में भूखण्ड धारकों का सर्वेक्षण और आबादी भूमि में गृहस्थल के रूप में विधिपूर्वक धारित भूमि के भूमिधारी को उनके कब्जे की भूमि का अधिकार पत्र प्रदान करने के कार्य में गति लाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य में नक्शा अद्यतन का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसमें कुल दो करोड़ 20 लाख 60 हजार 781 खसरा और 58 लाख 96 हजार 830 खातों की संख्या शामिल है। राज्य में नक्शा अद्यतन के तहत बेमेतरा में सर्वाधिक 98 प्रतिशत तथा कोरिया और सुकमा में 97 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश में एक अगस्त 2017 से डिजिटल सिग्नेचर का कार्य भी शुरू हो गया है। इसके तहत कुल खसरे दो करोड़ 20 लाख 60 हजार 781 में से 89 प्रतिशत अर्थात् एक करोड़ 95 लाख 87 हजार 714 और कुल खाते 58 लाख 96 हजार 830 में से 89 प्रतिशत अर्थात् 52 लाख 49 हजार 348 डिजिटल सिग्नेचर की स्थिति में है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण के तहत प्रदेश के कुल ग्रामों 20 हजार 523 में से सर्वेक्षित ग्रामों की संख्या 19 हजार 852 है। इन सभी सर्वेक्षित ग्रामों के खसरों का कम्प्यूटीकरण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री एन.के. खाखा, संचालक भू-अभिलेख श्री रमेश शर्मा, संचालक मुद्रण एवं लेखन सामग्री श्रीमती जयश्री जैन सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।