हिन्दुस्तान के इतिहास में किसानों का धान 2500 रूपए क्विंटल में खरीदने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
जन-घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने की दिशा में हमारा पहला कदम है तृतीय अनुपूरक : मुख्यमंत्री
विधानसभा में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का तीसरा अनुपूरक बजट पारित
इसे मिलाकर राज्य बजट का आकार बढ़कर अब एक लाख करोड़ से ज्यादा
रायपुर,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जन घोषणा पत्र के सभी वादों को सरकार क्रमशः पूरा कर रही है। श्री बघेल ने कहा कि तृतीय अनुपूरक बजट इस दिशा में उनकी सरकार का पहला कदम है। किसानों के 6100 करोड़ रूपए की कर्ज माफी और उनसे 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने के वादे को पूरा करने के लिए भी तृतीय अनुपूरक में आवश्यक राशि का प्रावधान किया गया है।
श्री बघेल आज शाम यहां विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपनी सरकार के तृतीय अनुपूरक अनुमान पर सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। श्री बघेल ने अपनी सरकार के कार्यभार ग्रहण करने के सिर्फ 20 दिनों के भीतर अब तक लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश के किसानों, गरीबों, आदिवासियों और अनुसूचित जाति के लोगों के लिए काम करने आए हैं। श्री बघेल के उद्बोधन के बाद सदन में 10 हजार 395 करोड़ रूपए का तृतीय अनुपूरक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। उन्होंने कहा – सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है। श्री बघेल ने सदन को बताया कि तृतीय अनुपूरक में आठ वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके एक लाख 09 हजार संविलियत शिक्षाकर्मियों के नियमित वेतन भुगतान के लिए एक हजार 841 करोड़ रूपए और 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके पांच हजार 501 पंचायत सचिवों को उच्चतर वेतनमान देने के लिए 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के मुख्य बजट में कुल प्रावधान 87 हजार 463 करोड़ रूपए था। प्रथम, द्वितीय और आज पारित तृतीय अनुपूरक को शामिल करने पर बजट का आकार अब एक लाख 05 हजार 170 करोड़ रूपए हो गया है। उन्होंने कहा – जन-घोषणा पत्र में हमने वादा किया था कि सरकार बनने के दस दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा। हमने जो कहा, उसे दस दिन के अंदर पूरा किया। उन्होंने कहा – 17 दिसम्बर 2018 को प्रदेश में हमारी सरकार बनते ही हमने जो पहला काम किया, वो है किसानों की कर्ज माफी का काम। हमारी सरकार ने 17 दिसम्बर 2018 को राज्य में स्थित सहकारी बैंकों और राज्य ग्रामीण बैंकों के समस्त किसानों के 30 नवम्बर 2018 तक के कृषि ऋणों को माफ करने का निर्णय लिया है, इसके अलावा एक नवम्बर 2018 से 30 नवम्बर 2018 के बीच प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा लिंकिंग या नगद के रूप में चुकायी गई ऋण राशि को भी माफ किया गया है।
किसानों की ऋण माफी के लिए तृतीय अनुपूरक में 4223 करोड़ से ज्यादा राशि
श्री बघेल ने कहा कि ऋण माफी के निर्णय के क्रियान्वयन के लिए हमने अल्प समय में ही अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना 2018 की अधिसूचना भी जारी कर दी है। इसके साथ ही आज पारित तृतीय अनुपूरक बजट में किसानों की ऋण माफी के लिए चार हजार 223 करोड़ 48 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा किसानों से 24 दिसम्बर 2018 तक नगद/लिंकिंग में वसूल की गई 1248 करोड़ रूपए की धन राशि तीन लाख 57 हजार किसानों को वापस की गई। मुख्यमंत्री ने कहा – राज्य शासन की वर्तमान ऋण माफी योजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि डिफाल्टर किसानों के साथ-साथ नियमित किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस ऋण माफी योजना में कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं की गई है। किसानों के सम्पूर्ण अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किए जाएंगे।
श्री बघेल ने कहा कि हिन्दुस्तान के इतिहास में छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जिसने अपने किसानों से 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि हमने जन-घोषणा पत्र में इसका वादा किया था, जिसे पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खरीफ वर्ष 2018 से प्रदेश के किसानों से 2500 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया गया है। यह राशि भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मिलाकर है।
लगभग 17 लाख पंजीकृत किसानों को मिलेगी धान प्रोत्साहन राशि
श्री बघेल ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में भारत सरकार ने ए-ग्रेड धान के 1770 रूपए और सामान्य धान के 1750 रूपए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है, इसके अतिरिक्त हमारी सरकार द्वारा 300 रूपए बढ़ाकर ए-गे्रड धान के लिए 730 रूपए और सामान्य धान के लिए 750 रूपए प्रति क्विंटल धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि (धान बोनस) देने का निर्णय लिया है। हमारे इस निर्णय से किसानों को अब पहले की तुलना में ढाई गुना ज्यादा दर पर धान प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इस बढ़ी हुई राशि का लाभ खरीफ 2018 की धान के लिए मार्कफेड में पंजीकृत सभी लगभग 17 लाख किसानों को मिलने लगेगा। इनमें दो लाख 13 हजार महिला, एक लाख 87 हजार अनुसूचित जाति के किसान और चार लाख 07 हजार अनूसूचित जनजाति वर्ग के किसान परिवार भी शामिल होंगे। श्री बघेल ने बताया कि हमारी सरकार द्वारा समर्थन मूल्य के अतिरिक्त निर्धारित 750 रूपए की दर से किसानों को धान प्रोत्साहन राशि (बोनस) देने के लिए तृतीय अनुपूरक में तीन हजार 070 करोड़ 10 लाख रूपए की अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया है।
आठ वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों के लिए 1841 करोड़ रूपए का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि प्रदेश में कार्यरत आठ वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों के संविलियन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। संविलियन के बाद उन्हें नियमित वेतनभत्ता भुगतान के लिए उपलब्ध बजट प्रावधान कम होने के कारण तृतीय अनुपूरक में एक हजार 841 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। लगभग एक लाख 09 हजार नियमित हो चुके शिक्षाकर्मियों को इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का जनता को लाभ दिलाने के लिए सबसे जरूरी है कि योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचे। योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए तृतीय अनुपूरक में 60 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
पंचायत सचिवों के लिए 100 करोड़ रूपए का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को प्रोत्साहन छात्रवृत्ति देने और अन्य योजनाओं के लिए 111 करोड़ रूपए प्रावधानित है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में पदस्थ 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके पांच हजार 505 पंचायत सचिवों को उच्चतर वेतनमान का लाभ दिया गया है। उन्हें बढ़े हुए वेतन का लाभ हर महीने समय पर मिल जाए, इसके लिए तृतीय अनुपूरक में 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।