November 23, 2024

संगठित समाज, करता है देश और दुनिया में राज – भगवानू

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होंगे शिक्षित और संगठित, तो नहीं होंगे अधिकारों से वंचित

उत्कल व बौद्ध समाज ने बनाया नव वर्ष मिलन समारोह 2019

“उत्कल स्वाभिमान सम्मान’’ से भगवानू का किया सम्मान

रायपुर  उत्कल समाज वीर शिवाजी नगर के अध्यक्ष जगन्नाथ सागर ने बताया उत्कल समाज एवं बौद्ध समाज के द्वारा आज रायपुर पश्चिम परिक्षेत्र के वीर शिवाजी नगर में नववर्ष मिलन समारोह 2019 धूमधाम से मनाया। इस दौरान गरीब झूग्गी वासियों की लड़ाई लड़ने वाले एवं उनकी आवाज को बुलंद करने वाले, उत्कल समाज के स्वाभिमान को जगाने वाले जुझारू नेता, अधिवक्ता भगवानू नायक का ‘‘उत्कल स्वाभिमान सम्मान’’ से सम्मानित किया गया। बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे भगवानू नायक का समाजजनों ने फूल मालाओं से लादकर जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान उपस्थित समाजजनों को नववर्ष 2019 की बधाई देते हुए भगवानु नायक ने कहा कि जो समाज संगठित होता है वही समाज देश और दुनिया में राज करता है। आज गरीब झूग्गी बस्ती में रहने वाले हम सभी लोगों को सर्वप्रथम शिक्षित होना पड़ेगा और संघर्ष करते हुए एक मजबूत संगठन खड़ा करना पड़ेगा तब जाकर हमें अपने अधिकार मिलेगा। समाज के विकास और अधिकार पाने के लिये हमें सड़क पर निकलकर लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़नी पड़ेगी एवं अपनी आवाज को बुलंद करना पड़ेगा तब जाकर हमें हमारा अधिकार मिल सकेगा। युवाओं को आव्हान करते हुए नायक ने कहा कि युवा समाज का भविष्य है, आप अपना कीमत समझें आपके युवा कंधो पर ही समाज का भविष्य टिका हुआ है और एक उज्जवल भविष्य समाज का बाट जो रहा है। नववर्ष मिलन समारोह के अध्यक्षता कर रहे उत्कल समाज के वरिष्ठ नेता बैकुंठ सोना ने कहा एक झुग्गी बस्ती से निकलकर न्यायालय में पीड़ितों की पैरवी करने वाले, प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय टी.वी. चैनलों में दिग्गजों के साथ टकराने वाले भगवानू भाई हमारे समाज के लिये एक प्रेरणा है। जिन्होने हमारे समाज के स्वाभिमान को जगाया है अब वो दिन दूर नहीं जब हमारे समाज की आवाज को भी सुनी जायेगी और हमारे अधिकारों से हमें कोई भी वंचित नहीं कर सकेगा। इस अवसर पर समाजजनों ने श्री नायक को उत्कल स्वाभिमान सम्मान 2019 का स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया तथा समाजजनों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर नववर्ष की बधाई दी। नववर्ष मिलन समारोह कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भगवानू नायक, बैकुंठ सोना, जगन्नाथ सागर, रवि विभार, विकास सागर, श्रीमती मधु मेश्राम, नीलम नागदेवे, भारत महानंद, यशोदा तांडी, संगीता सोनटेके, चंद्रिका सागर, प्रीति तांडी, भीमराव सोनटेके, रामचंद तांडी, कमलेश फुले, सुखदेव मेश्राम, दिलीप सोनटेक, अर्जना फुले, अजय सरोत सहित बड़ी संख्या में उत्कल समाज एवं बौद्ध समाज के बंधुगण उपस्थित थे।

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