फिल्म विकास निगम के अध्यक्ष पद हेतु अच्छे विकल्प हो सकते हैं युवा अभिनेता अखिलेश पांडे
बिलासपुर,छत्तीसगढ़ी फिल्म विकास निगम बनने के बाद अभी ठीक से उसका क्रियान्वयन शुरू भी नहीं हुआ था कि सरकार बदल गई और फिल्म विकास निगम की टीम का गठन भी नहीं हो पाया अब जब नई सरकार आई है तब कलाकारों को नई सरकार से एक नई आस है पिछली सरकार ने कलाकारों को कुछ भी नहीं दिया और आखरी में खानापूर्ति के नाम पर फिल्म विकास निगम बनाया परंतु उस के विकास के लिए किसी भी प्रकार का कोई क्रियान्वयन नहीं किया गया इस बात को लेकर छत्तीसगढ़ के कलाकार काफी हताश है और उन्हें अब नई सरकार से काफी उम्मीदें हैं कलाकारों के हित के लिए लगातार आवाज उठाते रहने वाले अभिनेता अखिलेश पांडे फिल्म विकास निगम के अध्यक्ष पद के लिए एक अच्छे विकल्प हो सकते हैं क्योंकि फिल्म विकास निगम को एक बड़ी सोच और कलाकारों के हित के लिए काम करने वाले आदमी की तलाश है जो छत्तीसगढ़ की फिल्म इंडस्ट्री को पूरी दुनिया में पहचान दिला सके हमने वैसे तो बहुत से अभिनेता देखे हैं परंतु इस अभिनेता के अंदर जो आग है कलाकारों के हित के लिए वह किसी और में नहीं दिखती और इस कलाकार की सोच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की वह मुंबई के बड़े कलाकारों को छत्तीसगढ़ में लाकर यहां के कलाकारों के साथ काम करवाते हैं उनका मानना है कि अभी हमारी इंडस्ट्री अपरिपक्व है और हमें सधे हुए कलाकारों के साथ मंच साझा करने की आवश्यकता है जिससे कि हमारे यहां के कलाकार अपनी कलाकारी को विकसित कर सकें और छत्तीसगढ़ के नाम को पूरी दुनिया में रोशन कर सकें इस छत्तीसगढ़ के अभिनेता ने अपनी पहली हिंदी फिल्म कठोर में हीं यह दिखा दिया कि इस कलाकार की सोच में कितना दम है हिंदी फिल्मों के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया इस कलाकार ने इस फिल्म का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए गया हुआ है क्योंकि हिंदी फिल्मों के इतिहास में आज तक सिंगल थियेटर में लगातार आठ शो किसी भी फिल्म के नहीं चले हैं इस फिल्म ने छत्तीसगढ़ को फिल्म की दुनिया में एक नई पहचान दिलाई है और जब हमने अखिलेश से बात की तब उन्होंने बताया कि उनका प्रयास सतत जारी रहेगा और वह लगातार अपने राज्य के नाम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का प्रयास करते रहेंगे उनका मानना है कि जब तक छत्तीसगढ़ के सभी कलाकारों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया ना करा दे तब तक वह शांत बैठने वाले नहीं है और वह लगातार अपने स्तर पर इस प्रयास को जारी रखेंगे उन्होंने कहा कि वह खुद भी मुफलिसी का जीवन जी रहे हैं और खुद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है परंतु उनका संघर्ष अंतिम समय तक जारी रहेगा जब तक की सभी कलाकारों को मान सम्मान व बुनियादी सुविधाएं ना मिल जाए उनका एकमात्र उद्देश्य छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री को नए आयामों तक पहुंचाना है और इसके लिए वह सदैव तैयार रहेंगे