विद्यार्थियों को जीविकोपार्जन के योग्य बनाने की जरूरत : डाॅ. पाटील
रायपुर , इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एसके पाटील ने कहा है कि आज की शिक्षा प्रणाली में युवाओं को पढ़ाई पूरा करने के बाद रोजगार के लिए भटकना पड़ता है। जरूरत इस बात की है कि विद्यार्थियों को उनकी पढ़ाई के दौरान ज्ञानार्जन के साथ-साथ आजीविका उपार्जन के योग्य भी बनाया जाए। डाॅ. पाटील आज यहां कृषि महाविद्यालय, रायपुर के सभागार में छत्तीसगढ़ बायोटेकनोलाॅजी प्रमोशन सोसायटी की ओर से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, सेन्टर फाॅर एग्री इनोवशन और राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान और प्रबंधन अकादमी (नार्म) हैदराबाद के सहयोग से दो दिवसीय स्टार्टअप और उद्यमिता विकास कार्यशाला ‘‘स्टार्टअप सम्वाद’’ का शुभारंभ कर रहे थे। इस कार्यशाला में कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप प्रारंभ करने के इच्छुक नवाचारी उद्यमियों को विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन से लेकर ढ़ांचागत सहयोग, वित्तीय मदद और बाजार तक की जानकारी दी जा रही है। इस असवर पर राज्य योजना आयोग के सदस्य डाॅ. डीके मारोठिया सहित अन्य अतिथि भी उपस्थित थे।
राज्य योजना आयोग के सदस्य डाॅ. डी.के. मारोठिया ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नए स्टार्टअप प्रारम्भ करने के लिए कृषि स्नातकों और कृषि जुड़े उद्यमियों को प्रेरित करने के लिए यह एक अच्छा प्रयास है। उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रोजगार की संभावनाओं से अवगत कराने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. पाटील द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के शुरू किया गया कार्यक्रम ‘‘चलो गांव की ओर’’ इस दिशा में एक सराहनीय कदम है। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान एवं प्रबंधन अकादमी (नार्म) हैदराबाद के विशेषज्ञ डाॅ. के श्रीनिवास ने कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उद्धेश्य छत्तीसगढ़ के नवाचारी उद्यमियों को स्टार्टअप उद्योगों की स्थापना के लिए अभिपे्ररित करने हेतु तकनीकी जानकारी, वित्तीय सहायता की उपलब्धता तथा भविष्य की संभावनाओं के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करना है। कार्यशाला को डाॅ. मनीष दीवान, वरिष्ठ प्रबंधक, बायोटेक्नोलाॅजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेन्स काउंसिल, नई दिल्ली तथा श्री इनामुअल वी. मरे, वरिष्ठ सलाहकार, कैस्पियन इम्पैक्ट इन्वेस्टर ने भी संबोधित किया।
इस दो दिवसीय स्टार्टअप सम्वाद की रूपरेखा प्रतिपादित करते हुए छत्तीसगढ़ बायोटेकनोलाॅजी प्रमोशन सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. गिरीश चंदेल ने कहा कि दो दिवसीय स्टार्टअप सम्वाद के दौरान विषय विशेषज्ञों की ओर से विभिन्न क्षेत्रों के नवाचारी विचारों और उद्यमिता कौशल विकास पर व्याख्यान दिए जाएंगें। इस दौरान प्रतिभागियों को स्टार्टअप उद्योगों से संबंधित विभिन्न केस स्टडीज, सफलता की कहानियां और हितग्राहियों के अनुभव जानने को मिलेंगे। यहां स्टार्टअप उद्योग स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले तकनीकी और वित्तीय सहयोग के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी। कार्यशाला के प्रथम दिवस चार सत्रों का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र में चयनित स्टार्टअप्स की ओर से पिच प्रेजेंटेशन में नवीन स्टार्टअप के लिए नवाचारी विचारों और अवधारणाओं के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया गया।