कोण्डागांव जिले के शिल्पियों की कारीगरी देख प्रभावित हुई राज्यपाल
रायपुर,शिल्प नगरी कोण्डागांव देश-विदेश में अपने उत्कृष्ट एवं अनूठे शिल्प के लिए सुविख्यात रहा है इसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज जिला मुख्यालय स्थित भेलवापदर में शिल्पियों की ओर से आयोजित क्राफ्ट मेला में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने शिल्प के प्राथमिक स्तर से लेकर पूर्ण हो जाने तक की सभी प्रक्रिया को देखा और इसे उत्कृष्ट कारीगरी का बेजोड़ नमूना बताते हुए कहा कि शिल्पशास्त्र में पीएचडीधारी भी ऐसा उत्कृष्ट डिजाइन नहीं उकेर सकते। शिल्प कार्यशाला में उपस्थित शिल्पकार मंशाराम बघेल ने शिल्प निर्माण की कच्ची सामग्री, विभिन्न कलाकृतियों के सांचो एवं गर्म भट्टी में तपाने की प्रक्रिया को राज्यपाल के समक्ष ही प्रदर्शन करके दिखाया। मौके पर बेलमेटल एवं टेराकोटा से निर्मित अलंकृत नंदीबैल, हाथी, सल्फी पेड़, वनवासी दंपति, सुसज्जित, दौड़ते हिरण जैसी प्रख्यात कलाकृतियों के अलावा पौराणिक आख्यान संबंधित निर्मित कलाकृतियों को जानने के बारे में राज्यपाल बेहद उत्सुक लगी। जिसे शिल्पकार मंशाराम बघेल ने विस्तारपूर्वक अवगत कराया। इसके साथ ही उन्होंने मृत्तिका (माटी) शिल्प एवं लौह शिल्प की कार्यशाला में कारीगरों की कार्यप्रणाली को देखकर उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा भी की। मौके पर सभी संबंधित विभिन्न शिल्पकारों ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह के रूप में कलाकृतियाँ भेंट में भी दी।
इस अवसर पर बस्तर संभाग के कमिश्नर धनंजय देवांगन, पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा, जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम, पुलिस अधीक्षक अरविन्द कुजूर, एसडीएम टेकचंद अग्रवाल, डिप्टी कलेक्टर आस्था राजपूत, खेमलाल वर्मा, कार्यपालन अभियंता देवेन्द्र नेताम, जिला शिक्षा अधिकारी राजेश मिश्रा, प्रबंधक हस्तशिल्प विकास बोर्ड बीके साहू, मुख्य नगर पालिका अधिकारी लालसिंह मरकाम सहित शिल्पकार तीजूराम विश्वकर्मा, राजेन्द्र बघेल, पंचूराम सागर, भरत चक्रधारी, पवन चक्रधारी, अशोक चक्रधारी उपस्थित थे।