छत्तीसगढ़ की जनता से माफ़ी मांगे भाजपा, तब जारी करे नया घोषणा पत्र: कांग्रेस
*पुराने वादे पूरे न कर पाने के लिए शर्मिंदा होना चाहिए भाजपा को*
*विडंबना है कि सत्तारूढ़ भाजपा को कांग्रेस के घोषणा पत्र का इंतज़ार करना पड़ता है*
*कांग्रेस का घोषणा पत्र जनआकांक्षाओं का प्रतीक है जिसने भाजपा की नींद उड़ा दी*
*घोषणा पत्र जारी करने के पहले छत्तीसगढ़ की जनता के इन सवालों का जवाब दें अमित शाह और रमन सिंह*
*रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के लिए वर्ष 2018 का घोषणा पत्र जारी कर दिया. इस घोषणा पत्र का इंतज़ार कर रही भाजपा ने अब आज आनन फानन में अपना घोषणा पत्र जारी करने की घोषणा की है.*
*पिछले घोषणा पत्रों की तरह इस बार भी भाजपा का उद्देश्य कांग्रेस की घोषणाओं में नमक मिर्च और मसाला लगाकर बेहतर घोषणा पत्र की तरह दिखाना है.*
*कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि लेकिन इस बार भाजपा को जनता के सामने शर्मिंदगी के साथ जाना पड़ेगा और अच्छा होगा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जनता से माफ़ी मांगने के बाद घोषणा पत्र जारी करें.*
*प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पिछले तीन चुनावों में घोषणा पत्रों में जो भी वादे भाजपा ने किए थे वे अभी भी अधूरे पड़े हैं. इसलिए अमित शाह और रमन सिंह को बताना चाहिए कि जब भाजपा ने 2003, 2008 और 2013 के घोषणापत्रों पर जब अमल नहीं किया तो नए घोषणा पत्र पर जनता क्यों विश्वास करे?*
*प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चुनौती दी है कि वह बताएं कि अगर प्रदेश में रहने वाले 37 प्रतिशत ग़रीबों की संख्या 50 प्रतिशत तक पहुंच गई तो भाजपा किस विकास की बात करती है और किसके विकास की बात करती है. राज्य देश में सबसे अधिक झुग्गियों वाला राज्य बन गया तो इसमें रमन सिंह के विकास मॉडल पर क्यों सवाल नहीं खड़े करने चाहिए.*
*प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पूर्व के संकल्प पत्रों में किसानों को ₹21000 समर्थन मूल्य और 5 साल तक ₹300 बोनस देने के का क्या हुआ? अभी भी 2 साल का बोनस बकाया है। धान का एक-एक दाना खरीदने का संकल्प लेने के बाद रमन सिंह सरकार ने किसानों को क्यों धोखा दिया? छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के द्वारा किसानों से की गई धोखाधड़ी के परिणाम स्वरुप कर्ज में डूबा किसान आत्महत्या को मजबूर है। पिछले 15 साल में 14.5 हज़ार किसानों ने आत्महत्या की है, तो इसका ज़िम्मेदार कौन है.*
*प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि घोषणा पत्र जारी करने के पहले कांग्रेस के इन सवालों का अमित शाह और रमन सिंह को जवाब देना चाहिए:*
*नक्सली समस्या के हल का दावा करने वाली रमन सिंह सरकार और अमित शाह बताए कि 2003 में दक्षिण बस्तर के तीन ब्लॉक में सक्रिय नक्सली 16 ज़िलों तक कैसे पहुंचे? अगर समस्या ख़त्म हो रही है तो कबीरधाम ज़िला नया नक्सली प्रभावित ज़िला कैसे बन गया?*
*देश में अर्ध सैनिक बलों की शहादत का आधे से ज़्यादा छत्तीसगढ़ में होता है तो इसके लिए ज़िम्मेदार कौन है?*
*दाना दाना धान ख़रीदी का वादा क्यों पूरा नहीं हुआ? उल्टे 10 क्विंटल धान ख़रीदी की बात की जाने लगी. अगर कांग्रेस का आंदोलन न होता तो 15 क्विंटल भी नहीं होता.*
*हर साल 300 रुपए बोनस का वादा क्यों पूरा नहीं हुआ.*
*आदिवासियों के लिए यूपीए सरकार ने लघु वनोपज का समर्थन मूल्य घोषित किया था. नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने क्यों उसमें 53 प्रतिशत तक की कटौती की? और इस कटौती को रमन सरकार ने क्यों लागू किया?*
*हर आदिवासी परिवार के एक बच्चे को रोज़गार देने के वादे का क्या हुआ?*
*हर आदिवासी परिवार को एक एक गाय दी जानी थी, कहां हैं वो गाएं?*
‘*बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा लगाने वाली भाजपा की सरकारें राज्य के 27000 महिलाओं के लापता होने पर चुप क्यों है?*
केंद्र में सरकार बनने पर नरेंद्र मोदी ने हर साल 2 करोड़ रोज़गार का वादा किया था, रमन सिंह ने भी बड़े वादे किए थे लेकिन क्यों छत्तीसगढ़ में अभी भी 25 लाख पंजीकृत बेरोज़गार हैं और इतने ही अपंजीकृत बेरोजगार क्यों है?
योगेश साहू नाम के बेरोज़गार युवक को मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करना पड़ा. इसका दोषी कौन है?
गौ संवर्धन भाजपा का वादा था लेकिन हुआ यह कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के नेताओं की गौशालाओं में गौ हत्या होती रही और पता चला कि वहां से मांस, खाल और हड्डी का व्यापार होता था. ऐसा क्यों हुआ?
भ्रष्टाचार ख़त्म करने की बात करने वाली सरकार के मुखिया को एक साल के लिए कमीशनखोरी बंद करने की बात अपने ही नेताओं और कार्यकर्ताओं को कहनी पड़ी. तो क्या भ्रष्टाचार ख़त्म करने का एजेंडा ख़त्म हो गया है?
रमन सिंह जी और उनके परिवार के सदस्यों के नाम कई घोटालों में सामने आए, इसकी जांच क्यों नहीं होती?
झीरम जैसे जघन्य कांड के षडयंत्र की जांच विधानसभा में घोषणा के बाद भी नहीं हुई, क्यों?
औद्योगिक विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ, उल्टे कई उद्योग बंद क्यों हो गए ?
मुख्यमंत्री ने अपने दलबल के साथ बहुत विदेश यात्राएं कीं लेकिन कितना निवेश आया इसके आंकड़े नहीं बताते. तो वे बताएं कि कितना निवेश विदेशों से आया.
बिजली विभाग का निजीकरण करके क्या फ़ायदा हुआ? बिजली उपभोक्ताओं को तो फायदा मिला नहीं तो इसका फायदा किस किसको मिला?
धीरे धीरे शराब बंदी का वादा करने वाली सरकार ख़ुद शराब बेचने लगी और शराब बेचकर धन अर्जित करने का उपाय करने लगी, क्या यह घोषणा पत्र के वादों का मज़ाक नहीं है?