लोक सुराज जनता के पैसे पर मुख्यमंत्री का आत्मप्रचार अभियान
जोगी एक्सप्रेस
रायपुरलोकसुराज अभियान के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री डा रमन सिंह द्वारा दिये गये भाषण पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रवक्ता सुब्रत डे ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लगातार दो चरणों में 49 दिन तक किये गये लोकसुराज अभियान के समापन पर मुख्यमंत्री का उद्बोधन में मुख्यमंत्री की निराशा स्पष्ट झलकती है और मुख्यमंत्री के हवाई दौरो के बाद भी प्रदेश की जनता में कोई खुशी का भाव नहीं झलकता है। मुख्यमंत्री को लोकसुराज के नाम पर किये गये पूरे प्रदेश में स्वप्रचार अभियान के बाद भी उन्हें जनता से मिले प्रतिसाद के बाद आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार हार का पूर्वाभ्यास होने लगा है इसलिए ही मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम राम राज्य नहीं ला पाये। यदि मुख्यमंत्री लगातार 14 वर्ष तक सत्ता के रहने के बाद भी यदि अपने द्वारा किये गये शासन पर गौरव न हो तो यह हार का पूर्वाभ्यास ही है।यदि 14 वर्ष में भी राम राज्य न ला सके तो फिर 2000-03 के अजीत जोगी के 3 वर्षीय मुख्यमंत्रीत्व काल में भाजपा किस तरह की राम राज्य लाने की मांग करती थी ? मुख्यमंत्री ने अपने उद््बोधन में कहा कि उन्होंने 16 जगह औचक निरिक्षण किया जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रवक्ता सुब्रत डे ने जानना चाहा है कि पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री जहां जहां गये वहां शासन द्वारा कुर्सी, टेबल, माइक सेट, लोक सुराज के बैनर सहित सरकार प्रायोजित भीड़ कहा से इकठठी हो गयी ? मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि यदि वे औचक निरिक्षण में पहुंचते थे तो उनकी सभा की व्यवस्था कैसे हो जाया करती थी ? क्या मुख्यमंत्री अपनी सभा की खबरें स्वयं लीक करते थे या प्रशासन के अधिकारी ? मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश से 28 हजार आवेदन प्राप्त हुए है, क्या मुख्यमंत्री यह बता सकते है कि ढाई करोड़ की जनसंख्या वाले प्रदेश में मात्र 28 हजार लोग ही समस्या ग्रस्त है या मुख्यमंत्री सच्चाई को छिपा रहे है ? मुख्यमंत्री द्वारा अभियान के दौरान किये 187 घोषणाओं को तय किये गये 3 माह की समय सीमा में पूरे होने पर सवालिया निशान लगाते हुए जानना चाहा है कि गत वर्ष किये गये घोषणा 1 साल बाद भी पूर्ण नहीं हुई है क्या मुख्यमंत्री आम जनता के समक्ष गलत ब्यानी कर रहे है ?
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रत्येक वर्ष सुराज के नाम पर जनता के पैसे का अपव्यय करते है। मुख्यमंत्री अपने उद्बोधन में यह नहीं बतया कि विगत वर्ष किये गये सुराज अभियान के नाम पर सैर सपाटे पर सुराज अभियान में मिले आवेदनों पर उन्होंने क्या कार्यवाही की ? क्या उनकी कार्यवाही से शिकायतकर्ता संतुष्ट हुए है ? यदि सभी शिकायतों पर कार्यवाही नहीं हुई तो फिर इस लोकसुराज अभियान का क्या औचित्य है ?