विधायक सुंदरानी की टिप्पणी से समाज आहत, 8 प्रतिशत नही 12 विधानसभा सीटो को करेंगे प्रभावितः भारतीय सिंधु सभा
रायपुर उत्तर विधायक श्रीचंद सुंदरानी के द्वारा बीते दिनों एक टी.वी. चैनल में उनका बयान आया, जिसके बाद पूरे प्रदेश में सिंधी समाज बुरी तरह आहत है। सुंदरानी ने सिंधी समाज को रायपुर उत्तर में 7 से 8 फीसदी बताया है और साफ कहा कि सिंधीत्व को लेकर चुनाव नही जीता जा सकता है। इस बयान का वीडियो भी प्राप्त हो चुका है। भारतीय सिंधु सभा ने समाज के प्रति सुंदरानी द्वारा दिये गए इस बयान का घोर विरोध किया है, क्योंकि पिछली बार उनकी जीत में समाज का बड़ा योगदान रहा। सिंधु सभा के अध्यक्ष कन्हैयालाल छूगानी ने कहा कि आज जब सुंदरानी की टिकट कटने की स्थिति है तब सुंदरानी समाज की ताकत को दरकिनार कर रहे हैं। वे नही चाहते कि उनकी टिकट कटने के बाद किसी और सिंधी को रायपुर उत्तर से टिकट मिले। सच तो यह है कि वह स्वयं समाज के सहयोग को भूला चुके हैं। इससे पहले कई बड़े मंच पर सुंदरानी ने सिंधी समाज की ताकत पर ही राजनीतिक सफलता मिलने की बात कही है। स्वयं सिंधी समाज से होने के बाद भी समाज के प्रति इस तरह के बयान से समाज के पंचायतों में आक्रोश व्याप्त है। समाज के प्रमुख सदस्य भारामल मत्थानी ने भी सुंदरानी के इस बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विधायक को सभी समाज के मतदाताओं का मत प्राप्त होता है, लेकिन किसी एक समाज की ताकत को कमजोर आंकना सही नही है। यदि इस बार चुनाव में सिंधी समाज से प्रत्याशी नही बनाया गया तो ना सिर्फ रायपुर उत्तर बल्कि प्रदेश के 12 सीटों पर समाज के वोटर सीटों पर प्रभाव डालेंगे। हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि समाज के बढ़ते दायरे, सहयोग, व्यापार क्षेत्र में योगदान को देखते हुए समाज से प्रत्याशी घोषित किया जाना चाहिए। सिंधी समाज पुरे प्रदेश के लिये अपना कम से कम एक प्रत्याशी हर दल में चाहता है। ताकि समय आने पर समाज की बात को उचित जगह पर रखा जा सकें।