बंद चौकी का भोई करेंगे देखभाल, विवादों में रहने के बाद भी तबादले के नाम पर हुआ कोरम पूरा
आला अधिकारियों की मेहरबानी भोई की शुरू ही मनमानी
रायपुर । विधानसभा थाने के डिग्रीलाल भोई का तबादला कबीर नगर थाना किया गया था जो संशोधन में पुनः उसी थाने की चौकी में कर दिया गया है । ज्ञात हो कि यह चौकी पिछले कई सालो से बंद है, वही डिग्रीलाल भोई विगत कई वर्षो से थाने में पदस्थ है, साथ ही इनका विवादो और सुर्खियों में रहने का चोली दामन का साथ है । सूत्रों की माने तो जब से ये थाने में पदस्थ हुए है अपराधों में अंकुश लगने की जगह इज़ाफ़ा ही हुआ है ।
भ्रस्टाचार और अवैध वसूली में गाहे बगाहे नाम शामिल हो ही जाता है और अब तो बंद चौकी की कमान इनके हाँथो में है । सूत्रों की माने तो थाना प्रभारी के काफी करीबी माने जाने वाले और साहब को समय पर पैकेट पहुँचने में ये अपनी अहम भूमिका निभाते आ रहे है जिस कारण वर्षो से एक ही जगह पर पदस्थ है। वही सीधे रास्ते पर चलने वालो के खिलाफ साहब के कान भर कर सिर्फ वारंट तामीली और अन्य कार्यो में उलझाए रखते है । जिसका नतीजा साफ और ईमानदार छवि के पुलिसकर्मियों को आगे आने का मौका नही मिल पाता । सूत्रों की माने तो भोई यहाँ पर अवैध कार्यो में लिप्त लोगो मे अपना पूरा सहयोग प्रदान करते आ रहे है , चाहे वो कानून और समाज की दृष्टि में कितना ही गलत क्यू न हो पर भोई की कृपा के आगे कानून को ही ठेंगा दिखाते आ रहे है। सट्टा, जुआ, कबाड़, अवैध शराब, अवैध उत्खनन, इन सब पर विशेष कृपा करते आ रहे, और अब तो आलम ये है कि इनका ट्रांसफर कोई करने की हिमाकत यदि कर दे तो इनकी पहुँच से उसे ही रवानगी का पत्र थमा दिया जाता है। सूत्रों की माने तो बंद चौकी में ट्रांसफर करने के लिए भोई ने आला अधिकारियों को बड़ा पैकेज देने का वादा कर चुके है। अब अधिकारी भी मौन है, और अपने अवैध साम्राज्य को फिर से खड़ा करने में भोई पूरी तन्मयता से जुटे हुए है।वही टीआई के नजदीक रहे टेकराम को आदेश के बाद भी रवानगी नहीं दी गई । जो नजदिकी नहीं थे सुरेंद् वर्मा उन्हें तुरंत रवानगी दे दी गई?
यह सवाल जनता के लिए सोचनीय है की दबंग भोई के ऊपर क्या कार्यवाही आला अधिकारियों करने की हिम्मत जुटा पाएंगे