इलाहाबाद का नाम बदलना घृणित उन्मादी मानसिकता -रिजवी
रायपुर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख एवं वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि इलाहाबाद (मूलनाम अल्लाहाबाद) का नाम बदलना उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्तरहीन मानसिकता का परिचायक है। सदियो से प्रचलित इलाहाबाद का नाम बदलना योगी की मुस्लिम विरोधी एलर्जी को दर्शाता है, जबकि सभी समाज धर्म एवं वर्ग जानते है कि अल्लाह ईश्वर एवं गाॅड एक ही सर्वमान्य आराध्य सर्वोच्च शक्ति के अलग-अलग नाम है। यह नही भूलना चाहिए कि अल्लाह योगी आदित्यनाथ के ईश्वर के पर्यायवाची शब्द है। सदियो पुराने शहरो के नाम को बदलने की हिम्मत अंग्रेजी हुकुमत भी नही जुटा पायी थी। भाजपा द्वारा मुस्लिम नाम बदलने का कुचक्र देश के आपसी सौहार्द्र को समाप्त करने का सुनियोजित षडयंत्र है तथा देश को पुनः विभाजन की ओर ले जाने वाला भाजपाई असफल प्रयास है।
रिजवी ने आगे कहा है कि मुस्लिम, ईसाई, दलित एवं आरक्षित वर्ग भाजपा एवं संघ की आंख की किरकिरी बने हुये है। उपरोक्त सभी वर्गो को भाजपा से बेहतरी की उम्मीद करना व्यर्थ है लेकिन भाजपा भूल रही है कि देश की जागरूक जनता जब किसी को सत्ता पर बिठाती है तो उसे उतार भी सकती है। आम चर्चा है कि भाजपा की ऐसे ही उन्मादी एवं साम्प्रदायिक सोच 2019 के आम चुनाव में भाजपा के पतन का कारण बनेगी और इस आग में नोटबंदी एवं जीएसटी घी का काम करने वाले है। पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतो से जनता त्रस्त है आसन्् पांच राज्यो के चुनाव सहित आगामी लोकसभा चुनाव में महंगाई डायन भाजपा को निगलने आतुर है। भाजपा का इतिहास है कि ऐन चुनाव के पहले मुस्लिम शासको बाबर, औरंगजेब, टिपू सुल्तान औवतरित किये जाते है। मतदाताओ के भावनात्मक दोहन के लिए पूर्व मुस्लिम शासको एवं मंदिर मस्जिद मसले को उभारकर स्वार्थ सिद्धी का रास्ता अपनाने में भाजपा को महारत हासिल है। देश के जागरूक मतदाता भाजपा के ऐसे हथकंडो में अब और फसने वाली नही है तथा भाजपा को सत्ता से हटाकर ही दम लेने की मानसिकता बना चुके है।