राशन माफियाओं को संरक्षण देते है, गरीब नौकरों को फंसाते हैं खाद्य अधिकारी कार्यवाही के नाम नौकरों का बनाते हैं बलि का बकरा:भगवानू नायक
गरीब विरोधी हैं भाजपा की सरकार – भगवानू नायक
जोगी एक्सप्रेस
रायपुर छ.ग.जनता कांग्रेस, छत्तीसगढ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा न्याय शास्त्र का सिध्दांत हैं 100 में से 99 अपराधी छूट जाए लेकिन किसी एक निर्दोष व्यक्ति को सजा नहीं होनी चाहिए लेकिन शासन के कुछ खाद्य अधिकारियों के द्वारा इस सिध्दांत के विपरीत कार्य किया जा रहा हैं। व्यापक स्तर पर राशन का अफरा तफरी करने वाले राशन माफियाओं को विभाग के अधिकारीयों द्वारा संरक्षण दिया जाता हैं वहीं कार्यवाही के नाम पर शासकीय राशन दुकानों में साफ सफाई करने वाले, बोरा उठाने वाले, गाड़ी खाली करने वाले, अनाज तौलने वाले गरीब मजदूर नौकरों को बलि का बकरा बनाया जाता हैं, चूंकि राशन गोलमाल में जो अपराध पंजीबध्द होता हैं जिसमें ज्यादातर आरोपीयों को सीधे जेल भेज दिया जाता हैं और सजा पूरे परिवार भोगता हैं। अभी हाल ही में ऐसा ही घटना सामने आया जिसमें फुंडहर स्थित शासकीय राशन दुकान में जांच के नाम पर गोलमाल की प्रकरण दुकान के नौकर दिलीप कुमार के नाम से बनाया गया जो कि एक दलित परिवार से हैं। खाद्य विभाग की लापरवाही इससे भी स्पष्ट हो जाता हैं कि जिस नौकर दिलीप कुमार को विक्रेता संबोधित कर नोटिस दिया गया, वह उस दुकान का कोई अधिकृत कर्मचारी हैं ही नहीं। जानकारी के अनुसार शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकानों में नौकरों की अधिकृत नियुक्ति नहीं की जाती हैं न ही खाद्य विभाग के द्वारा जनसुविधा की दृष्टि से नौकरनामा जारी किया जाता है, सवाल यह है कि जब शासन की राशन दुकान में कार्य करने वाला गरीब मजदूर, नौकर अधिकृत ही नहीं हैं और विभाग के पास इस संबंध में कोई डाटा नहीं हैं तब विभाग उसे किस दृष्टि से विक्रेता मान रहीं हैं और उनके विरूध्द प्रकरण बना रही हैं कुल मिलाकर सरकार की नीति गरीब विरोधी हैं जिसके चलते गरीबों का झुठा फंसाया जाता हैं और राशन माफियाओं को बचाया जाता हैं। आम चर्चा को विषय हैं कि इसके पहले भी खाद्य अधिकारियो के द्वारा ऐसे कई झूठे मामले गरीब मजदूर कर्मचारीयों के विरूध्द बनाया गया जिसमें माननीय न्यायालय नेे आरोपियों को दोषमुक्त किया हैं।