भाजपा सरकार अटल विकास यात्रा के नाम से सरकारी दौरे पर पार्टी हित साध रही है:मो,असलम
रायपुर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है,कि सरकारी धन का पार्टी हित में किस तरह से दुरुपयोग किया जा सकता है,उसे भाजपा से ही सीखा जा सकता है। पार्टी वर्तमान में पूरे समय ईमानदारी से काम करने का वक्तव्य दे रही है जबकि उनका कार्य कथन के ठीक विपरीत हो रहा है। भाजपा द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए सरकारी कार्यक्रम बना कर व्यापक रूप से राशि खर्च की जा रही है और योजनाओं के क्रियान्वयन का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। प्रलोभन, शिलान्यास, भूमि पूजन, उद्घाटन, लोकार्पण किया जा रहा है और सौगाते दी जा रही है। यह एक तरह से सरकारी फंड पर चुनावी प्रचार का सीधा उदाहरण है और सरकार की शक्तियों का बेजा प्रयोग है। मुख्यमंत्री की वर्तमान में चल रही अटल विकास यात्रा में भी सरकारी पैसों को भरपूर ख़र्च किया जा रहा है और पूरे समय आगामी विधान सभा चुनाव के लिए कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है।लोगों को प्रलोभन दिया जा रहा है और खुले तौर पर सत्ता का गैर वाजिब इस्तेमाल हो रहा है। चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए योजनाओं के तहत स्मार्टफोन, गैस-कनेक्शन, आवास, बोनस, साईकिल, जूता-चप्पल काआवंटन किया जा रहा है, पट्टा आदि तो बांटा ही जा रहा है साथ में कंबल, साड़ी, छतरी, कुकर, टिफिन भी खुले तौर पर बांटी जा रही है। जनता अब स्पष्ट तौर पर कहने लगी है, कि भाजपा सत्ता से जाते-जाते बांटती है। पर अब कांग्रेस को वोट देंगे तो वह सत्ता में आते ही गरीबों पर मेहरबान हो जाएगी और वो तमाम सुविधाएं मिलेंगी जिसकी बुनियादी तौर पर गरीब और साधारण वर्ग हकदार है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि पिछले दिनों देश के प्रधानमंत्री का जांजगीर-चांपा आगमन हुआ था, उसमें भी उनका भाषण यही इंगित कर रहा था, कि छत्तीसगढ़ में किसी तरह यहाँ के लोगों को चुनावी लाभ दिया जा सके। प्रधानमंत्री और भाजपा के पार्टी अध्यक्ष का मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में हुआ कार्यकर्ता सम्मेलन भी हतप्रभ करने वाला था। जिसमें मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 100 करोड़ व्यय होने का अनुमान लगाया गया है। भाजपा में जिस प्रकार से सेवन स्टार स्टैंडर्ड के टेंट, तंबू, कुर्सियां, मंच और तैयारियां की जाती है वह चौंकाने वाली है। इससे जाहिर है कि इनके द्वारा ईमानदारी का तो बखान किया जाता है, पर इतने बड़ी धन राशि कहां से खर्च की जाती है और इसका कोई हिसाब लेने वाला भी नहीं है? हालांकि भोपाल के कार्यकर्ता सम्मेलन को राज्य और 2019 में केंद्र में सरकार बनाने की भाजपा की कवायद एवं घबराहट के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। इसके पीछे भाजपा सरकार का केवल यही प्रयास है, कि चुनाव के पहले प्रचार का कार्य सरकारी खर्च पर पूरा कर लिया जाए। भाजपा एक तरफ भारी खर्च करके सरकारी दौरे में पार्टी हित साध रही है वहीं दूसरी तरफ संगठन स्तर पर भी जिस तरह का धन भाजपा खर्च कर रही है यह कम चौंकाने वाला नहीं है ।