प्रदेश में जूनियर डॉक्टरो की तानाशाही
रायपुर
जहां प्रदेश सरकार एक ओर स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नजर आती है वहीं सरकार के मंत्री डॉक्टरों पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं। प्रदेश में मरीजों की स्थिति दिनोंदिन बद से बदतर होती जा रही है आयुष्मान भारत योजना और स्मार्ट कार्ड का झुनझुना थमा कर सरकार यह समझ रही है कि जनता को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में छूट मिलेगी और उनका इलाज आसानी से प्राइवेट अस्पतालों में भी उपलब्ध होगा परंतु इस योजना के जरिये मरीजो से सरकार ने बड़ा भारी छल किया है । मरीज के परिजन अस्पतालों में इधर से उधर कार्ड को लेकर चक्कर काटते नजर आते है। वही प्रदेश के बड़े प्राइवेट अस्पतालों ने स्मार्ट कार्ड से होने वाले इलाजों के लिए अपने हाथ खड़े कर दिए है। स्वास्थ्यमंत्री अजय चंद्राकर स्वास्थ्य से ज्यादा सरकार के विभिन्न मुद्दों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार का प्रचार करते है। बीते दिनों ही उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कथित सेक्स सीडी मामले में कैलाश मुरारका के निष्कासन पर कांग्रेस को घेरा, परंतु स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर वह किसे घेरेंगे।
बीते दिनों चाकू बाजी की घटना को लेकर मरीज के परिजन अस्पताल में इलाज के लिए दर-दर भटकते रहे लेकिन जूनियर डॉक्टरों की लापरवाही से युवक की मौत हो गई जिस पर आक्रोशित परिजनों से जूनियर डॉक्टरों के साथ तू-तू मैं-मैं हुई जिसको लेकर जूनियर डॉक्टरों ने बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया। आजकल छोटी-छोटी बातों को लेकर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल कहां तक उचित है यदि यही आलम रहा तो प्रदेश में स्वास्थ्य का स्तर और भी खराब हालत में पहुंच जाएगा।