ये कैसी हिंदूवादी पार्टी है जिसे राहुल गांघी के मंदिर जाने पर एतराज- भूपेश बघेल
रायपुर/ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री के बयान पर कहा है कि यह समझ में नहीं आता कि ये कैसी हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी है जिसको कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिर जाने पर ऐतराज़ है. उन्होंने पूछा है कि ये मुख्यमंत्री की कैसी मानसिकता है जो मंदिर की सीढ़ियां चढ़ने पर राजनीति देखती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि अनगिनत घोटालों और कैग की रिपोर्ट के बाद रमन सिंह जी के पास गिनवाने के लिए सरकार की कोई उपलब्धि तो बची नहीं है इसीलिए वे अब राहुल गांधी के मंदिर जाने को ही अपनी उपलब्धि बताने में लगे हैं. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री ऐसी फ़ुर्सत में हैं कि वे राहुल गांधी की एक एक क्रियाकलाप पर निगरानी रखे हुए हैं कि वे कब कहां जा रहे हैं. भाजपा अपने आपको धर्म का ठेकेदार मानती आई है क्योंकि मंदिर बनाने के मुद्दे पर ही उसने दंगे भड़काए, लोगों की जानें लीं और चंदा वसूल कर लोगों को ठगा और देश में सांप्रदायिकता का ज़हर घोला, लेकिन विडंबना है कि राहुल गांधी जी की मानसरोवर यात्रा पर उन्हें ऐतराज़ हो गया. यह लिखने पर वे तिलमिला गए कि वहां घृणा नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि भाजपा और उनके नेताओं का इतिहास बोध अत्यंत ख़राब है और यह बार बार नरेंद्र मोदी जी के भाषणों से ज़ाहिर होता रहता है. इसलिए वे कांग्रेस का इतिहास भी नहीं जानते. उन्हें इतिहास की किताब उठाकर पढ़ना चाहिए कि सोमनाथ के मंदिर के जीर्णोद्धार कांग्रेस की सरकार में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने शुरु करवाया था और 1951 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने उसे राष्ट्र को समर्पित किया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी की विरासत के साथ चलती है और वे ‘सबको सन्मति दे भगवान’ की प्रार्थना करते थे. कांग्रेस की यह नीति उस समय न नाथूराम गोडसे को पसंद आई थी और न अब रमन सिंह जी को पसंद आ रही है।
भाजपा धर्म के नाम पर रोटी सेंकने वाली पार्टी है और यह उन्हीं को मुबारक. कांग्रेस धर्म को निजी आस्था का सवाल मानती है और सर्वधर्म समभाव की बात करती है. उसके नेता मंदिर भी जाते हैं और दूसरे धर्मों के उपासना स्थलों की पवित्र यात्रा में भी आस्था रखते हैं. सार्वजनिक मंचों पर टोपी पहनने से इनकार करने वाले इसे नहीं समझ सकते।