November 22, 2024

सूरजपुर जिले के बैजनपाठ में पानी के लिए तरसते ग्रामीण , पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से पानी लाकर पिने को मजबूर

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रोज होता है पानी के लिए मौत से सामना 

जोगी एक्सप्रेस 

ब्यूरो अजय तिवारी 

सूरजपुर : एक तरफ शासन प्रशासन  द्वारा  विभिन्न योजनायों के साथ ग्राम सुराज योजना द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में  शिविर लगाकर ग्रामीणों की समस्यायों को दूर कर मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है वही दूसरी तरफ जिले का ऐसे भी गाँव है जहां पर निवासरत लोगो को पानी के लिए  इस चिलचिलाती धूप में अपने जान को जोखिम में डाल कर कई किलोमीटर का सफर  तय करना पड़ रहा है ।

 ऐसा ही एक मामला  जिले के ओड़गी ब्लांक अंतर्गत ग्राम पंचायत खोहीर के आश्रित ग्राम बैजनपाठ  में सामने आया है जहां पर ग्रामीण लगभग पिछले दो  पीढ़ियों से निवास करते आ रहे हैं जिनको  पीने के पानी  के लिए जंगलों से घिरी हुई पथरीली रास्तो  को चीरकर लगभग तीन किलोमीटर घाट उतर-चढ़कर कर काफी मशक्कत का सफर तय करना पड़ रहा है।

 विदित हो की बैजनपाठ ग्राम में  वर्षाऋतु माह को छोड़कर शेष 08 महीनों  यहाँ के ग्रामीणों द्वारा पानी के लिए जंगल के उबड़ खाबड़ पथरीली पकडंडी रास्तो  से गुजरते हुए  घाट के उतार चढ़ाव का सामना 

कर लगभग तीन किलोमीटर  से पुरुष कांवर बनाकर कंधे पर व औरतें सिर पर रखकर लाते  है तब जाकर कहि उनकी प्यास बुझ पाती है ।

ज्ञात हो की उक्त ग्राम में निवासरत लोगो की संख्या लगभग 500  है ।जिसमे से अधिकतर पण्डो व गोंड़ समुदाय के लोग तथा  कुल जनसंख्या के 10% मे यादव,चमार,अगरिया,बैसवार रहते हैं जो की पिछले दो पीढ़ीयों से  पानी की समस्या को झेलते आ रहे हैं। प्रतिदिन सुबह होते ही  पुरूष ,महिलाओ के साथ बच्चे भी  पानी  के लिए निकल जाते है तथा यह सिलसिला सुबह से लेकर  देर रात तक चलता रहता है  जिसकारण यहां के ग्रामीण अपना  पूरा समय पानी भरने में ही  बीता देते हैं।

अगर सूत्रों की माने तो कुल जनसंख्या के 75% लोग मध्यप्रदेश के सींगरौली जिले के बघोर नामक नाला से  तथा  25% लोग ग्राम पंचायत खोहीर के उपका नामक नाला से पिने को पानी लाते है।उक्त दोनों नालो में से  सबसे खतरनाक घाट व रास्ता बघोर नाला का है जहां पर कई बार  घाट पर पानी चढ़ाते हुए लोगो को गम्भीर चोटें आई है एवम सन 2004-05 मे गाँव के व्यक्ति की  इसी घाट में पानी लेकर चढ़ते हुए फिसलकर मृत्यु भी हो चुकी है।

 स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बताया जाता है कि  इस संबंध में  जिला से लेकर जनपद तक कई वर्षों से लगातार आवेदन पर आवेदन दिया जा रहा है पर अभी तक शाशन प्रशासन द्वारा कोई  पहल नहीं किया गया है और न ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ही इस ओर ध्यान दिया गया जिससे  हमारी समस्याएं जस की तस बनी हुई है ।

ग्रामीणों ने यहाँ तक कहा कि जल्द ही हमारी समस्यायों का समाधान नही किया गया तो हमे विवश होकर ओड़गी ब्लॉक मुख्यालय में धरने पर बैठना पड़ेगा।

यहां पर सोचनीय तथ्य यह है कि ब्लॉक मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक के उच्च अधिकारीयो को आवेदन देकर ग्रामीणों  द्वारा अपनी समस्यायों से अवगत कराने के बावजूद भी आज तक उनकी समस्यायों का समाधान क्यों नही हो पाया ।अब इसके पीछे कारण जो भी हो लेकिन इसका प्रत्यक्ष खामियाजा  बैजनपाठ के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है ।

इस संबंध में जानकारी लेने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी  जिला पंचायत सूरजपुर के मोबाईल नम्बर पर कई बार सम्पर्क किया गया किन्तु उनके द्वारा फ़ोन रिसिव नही करने के कारण उनका पक्ष ज्ञात नही हो सका।

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