प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीतियों को ठेंगा दिखा रहे है मुख्यमंत्री रमन सिंह- विकास तिवारी
प्रधानमंत्री के 2022 के संकल्प को ठेंगा दिखा अटल संकल्प 2025 ला रहे है मुख्यमंत्री रमन सिंह
रायपुर ,छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विकास को जो प्रोग्राम के मीडिया प्रभारी विकास तिवारी ने कहां की छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 2022 को ठेंगा दिखा के अटल दृष्टि विजन 2025 की घोषणा कर दी है। और कहा है कि वर्ष 2025 तक प्रदेश स्मार्ट हरित और खुशहाल राज्य बनाने के लिए बनेगा जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फरवरी 2016 को उत्तर प्रदेश के बरेली में किसान सम्मेलन में कहा था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगनी हो जाएगी जबकि इसके विपरीत मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि किसानों की आय वर्ष 2025 में दुगनी होगी ना कि वर्ष 2022 में इस विरोधाभास से साफ झलक रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री को उनकी योजना पर ठेंगा दिखा रहे हैं। मीडिया प्रभारी विकास तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 2025 के लिए अटल दृष्टिपत्र बढ़ाने की बात की है और कहां है कि वर्ष 2025 तक राज्य की जीडीपी दुगनी हो जाएगी की हकीकत यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य की जीडीपी पिछले 15 सालों से औसतन 8% ही रही और इसे मुख्यमंत्री रमन सिंह दोगुनी अर्थात 16% करने की बात कर रहे हैं जो कि संभव नहीं है।मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि आय के मामले में छत्तीसगढ़ देश के पांच राज्यों में से एक होगा जबकि वर्तमान की स्थिति में है छत्तीसगढ़ राज्य की आय 16 राज्यों से अधिक है दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि धनवान राज्य में उसके निवासियों को रमन सरकार ने जानबूझकर गरीब बना के रखा है 2011-12 में प्रति व्यक्ति आय 61305 रूपय थी जो वर्ष 2017 में बढ़कर ₹80280 हुई है कुल वृद्धि 33% ही रही जबकि रमन सिंह 2025 में इस आय को 1 लाख 60 हजार करने की झूठी बात कर रहे हैं।मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि किसानों की आय दोगुनी कर उन्हें सशक्त बनाया जाएगा और आधुनिक तकनीक से उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा जबकि धरातल की हकीकत यह है कि पिछले 15 सालों में रमन सरकार ने प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी तो छोड़ पुराने ही दर पर नहीं रखी है वर्ष 2017 में कुल उत्पादन 90 लाख 75 हजार क्विंटल हुआ था जिसमें केवल धान की फसल 80 लाख 40 हजार क्विंटल उत्पादन के केवल धान ही था। और 2013 14 में रमन सरकार ने 80 लाख टन धान खरीदी की थी और पूरे खरीदी में ₹300 की दर से बोनस इसलिए दिया था क्योंकि उस वर्ष चुनाव होने वाले थे बाकी के वर्षों में किसानों को बोनस नहीं दिया गया।वर्ष 2017-18 में केवल 56 लाख टन धान खरीदी की गयी जो कि बीते वर्षों की तुलना में बेहद कम थी किसानों के साथ छल कपट किया गया है। और आधुनिक सेवाओं का विस्तार करने के बात रमन सरकार कर रही है वह सफेद झूठ है क्योंकि पिछले 15 सालों में कुल सिंचित भूमि केवल 36% है जिसमें सिचाई के समस्त संसाधन है और बाकी 64% भूमि पर निर्भर करती है देश के 76 प्रतिशत किसान लघु एवं सीमांत किसान हैं जिनके पास आधुनिक उपकरण पहुंचाने में रमन सरकार असफल रही छत्तीसगढ़ राज्य में 57 लाख हेक्टेयर भूमि पर उत्पादन किया जा सकता है जबकि वर्ष 2016-17 में केवल 40 लाख हेक्टेयर में ही फसल लगाई गई थी जिस में भी कुल 80% भूमि पर धान की फसल लगाई गई थी सरकार का यह कहना कि किसानों की आय दोगुनी की जाएगी यह बात सरासर झूठ है क्योंकि धान की फसल का पूरा मूल्य रमन सरकार नहीं देती जहां वर्ष 2013-14 में धान समर्थन मूल्य 1550 और ₹300 बोनस मिलाकर 1850 रूपया किसानों को दिया गया था वही वर्ष 2017-18 तक उतना ही समर्थन मूल्य और बोनस दिया गया और कुल उत्पादन के 15 क्विंटल की खरीदी की गई जबकि पूरे प्रदेश में औसतन प्रति एकड़ 22 क्विंटल की फसल का पैदावार होता है बचे 7 क्विंटल की फसल किसानों ने औने-पौने भाव में खुशियों को बेच दी जिसे पूरे प्रदेश के 37 लाख42 हजार किसानों को अरबों खरबों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।जो रमन सरकार किसानों को एक-एक दाना खरीदने की बात करती थी वही सरकार उनकी पूरी फसल की खरीदी तक नही किया।
मीडिया प्रभारी विकास तिवारी ने कहा कि रमन सरकार ने कहा कि वर्ष 2022 तक सभी के पास घर होगा हकीकत कुछ और ही बयां करती है उस लक्ष्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 तक आवास युक्त भारत की बात कही थी जिसे मुख्यमंत्री रमन सिंह खुद झूठा साबित कर रहे है। प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाले लोगों का प्रतिशत बढ़कर 38.8 हो गया और प्रधानमंत्री मोदी की माने तो यह प्रतिशत 50 से ज्यादा हो गया है।इंदिरा आवास योजना में रमन सरकार ने जमकर घोटाले किए हैं और आज भी प्रदेश के लाखों करोड़ों गरीब जनता इंदिरा आवास पाने के लिए जूझ रही है। शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ प्रदेश फिसड्डी राज्य की श्रेणी में शामिल हो चुका है पूरे प्रदेश में तकरीबन ढाई लाख से अधिक बच्चों ने सरकारी स्कूल में पढ़ना छोड़ दिया है और पूरे प्रदेश में 50 हजार से अधिक शिक्षा कर्मियों के पद रिक्त हैं पिछले 15 सालों में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शिक्षा का स्तर गिराया है जिसके कारण प्रदेश में सरकारी स्कूल हजारों की तादाद में बंद हो रहे हैं।
मीडिया प्रभारी विकास तिवारी ने कहा कि पिछले 15 सालों में हर मोर्चे पर विफल रमन सरकार और प्रदेश की जनता को ठगने के लिए नया बहाना अटल दृष्टि 2025 का शिगुफ़ा छेड़ रही है वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे वर्ष 2022 तक पूरा करने का संकल्प ले चुके हैं इससे स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह देश के प्रधानमंत्री को उनकी योजनाओं और नीति पर ठेंगा दिखाते हुवे अपनी नई योजना अटल दृष्टि 2025 बना रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 2022 की पोल पट्टी खुद ही खोल रहे है।