गौव तस्करी रोकने के लिए उड़नदस्तों को मिलेगा दायित्व:कलेक्टर
जोगी एक्सप्रेस
अमन ताम्रकार बेमेतरा
बेमेतरा. गो तस्करी रोकने को लेकर कलेक्टर रीता शांडिल्य ने उडऩदस्ता दलो के गठन का निर्देश दिए हैं। दल में नगरीय निकाय, पशु चिकित्सक, राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। टीम प्रति माह उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा के माध्यम से कलक्टर को रिपोर्ट करेगी। शासन के दल गठन के निर्देश बताना होगा कि छग कृषि पशु परीक्षण नियम 2014 के तहत पशुओं के क्रय-विक्रय के नियमित निरीक्षण के लिए शासन से उडऩदस्ता दल गठन के निर्देश मिले हैं। इसी के तहत कलक्टर रीता शांडिल्य ने निकाय बेमेतरा, थानखम्हरिया, साजा, बेरला, थानखम्हरिया, नवागढ़ के संबंधित राजस्व, पुलिस व निकाय के अधिकारियों को उडऩदस्ता दल गठन के निर्देश दिए हैं। 53 पशु विक्रेताओं को जारी किए लाइसेंस गौरतलब हो कि उक्त अधिनियम के तहत जिले के करीब 53 पशु विक्रेताओं को पशुओं के क्रय-विक्रय व परिवहन को लेकर लाइसेंस जारी किया गया। जहां संबंधित व्यापारियों से चरित्र प्रमाण लिए बगैर पशु चिकित्सा विभाग द्वारा लाइसेंस जारी किए जाने को लेकर शुरू से सवाल उठते रहे। इस संबंध स्थानीय गो सेवकों ने कलक्टर से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन शिकायत के निराकरण को लेकर अब तक कोई पहल नहीं हुई है। कागजी खानापूर्ति बनकर न रह जाए, दलो का गठन पशु परिक्षण अधिनियम 2014 के अंतर्गत स्थानीय अधिकारियों का उडऩदस्ता दल पशु बाजार व हाट मेले में नियमित निरीक्षण रूपसे निरीक्षण कर सुनिश्चित करेंगे कि गोवंश का क्रय-विक्रय तस्करी के लिए नहीं किया जा रहा है। इसके लिए उडऩदस्ता दल में शामिल पशु चिकित्सक द्वारा पशु बाजार व हाट मेले में क्रय-विक्रय के लिए पहुंचे मवेशियों की उम्र व स्वास्थ्य परीक्षण कर सुनिश्चित किया जाएगा, कि वध के प्रयोजन से पशुओं का क्रय विक्रय नही किया जा रहा है। लेकिन अधिकारियों की सतत मानीटरिंग से ही गौ तस्करी पर अकुंश लग सकता है। अन्यथा उडऩदस्ता दल का गठन महज कागजी खानापूर्ति बनकर न रह जाए। अपराधिक रिकार्ड पर पंजीयन हो निरस्त जानकारी के अनुसार, कृषिक पशु के क्रय-विक्रय के लिए लाइसेंस जारी करने को लेकर संबंधितों के चरित्र प्रमाण की जानकारी थानों से नहीं मंगाई गई, जहां प्रावधानों का हवाला देकर साफ इंकार कर दिया गया। गो सेवक राजा पाण्डेय के अनुसार, जिले में जिन पशु व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए गए है, उनमे से कई व्यापारियों पर संबंधित थाने में अपराधिक मामले दर्ज हैं। अपराधिक रिकार्ड पाए जाने पर संबंधित पशु व्यापारी का पंजीयन निरस्त किए जाने की मांग की गई है।