किसान है तो हम है : बृजमोहन
कृभको के प्रादेशिक सम्मेलन में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रखे विचार
रायपुर- कृभको ( कृषक भारती कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड) द्वारा आयोजित प्रदेश स्तरीय सहकारिता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश के कृषि एवं सिंचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने किसान हित के महत्वपूर्ण मुद्दों को सम्मेलन में रखा। उन्होंने कहां की चाहे सरकार हो या कृषि क्षेत्र की सहकारी संस्था सभी का उद्देश्य गांव, गरीब और किसानों का भला ही करना होता है। ऐसे मे हमें ढर्रे पर ना चलते हुए एक ठोस योजना बनाकर काम करना चाहिए। तभी हम अपने कामों की सार्थकता सिद्ध कर सकेंगे।
बृजमोहन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृभको के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद चंद्रपाल सिंह से कहा कि 10 हज़ार सोसाइटियों के समूह कृभको का नाम भी बड़ा है और काम भी परंतु यह खाद-बीज व अन्य इनपुट उपलब्ध तो कराता ही है इनसे यह भी अपेक्षा है कि मार्केटिंग के क्षेत्र भी आगे बढ़े। कृषि उत्पादक संगठन बनाकर छत्तीसगढ़ के किसानों का मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि राज्य में 13सौ के लगभग कृषि सहकारी समितियां है। इन समितियों के माध्यम से किसानों का प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया जा सकता है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि किसान है तो हम हैं। यह देश किसानों का देश है, उन्हीं के दम पर खड़ा हुआ है ।ऐसे में हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि किसानों के हित में बेहतर से बेहतर निर्णय लें उन्हें जागृत करें।
अपने छत्तीसगढ़ राज्य का उल्लेख करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई, नेट सेट हाउस आदि किसानों को सब्सिडी में प्रदान की जा रही है। उनके खेतों की मिट्टी का परीक्षण कर उसमें तत्वों की मात्रा उन्हें बताई गई है, ताकि अनावश्यक खाद व दवाओं का उपयोग ना करते हुए जिस चीज की कमी उनकी मिट्टी में है उसकी ही पूर्ति कर पर्याप्त उपज वह प्राप्त कर सके।
बृजमोहन ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा में इस वर्ष 1295 करोड़ का भुगतान राज्य के किसानों ने प्राप्त किया है। जबकि सवा सौ करोड़ प्रीमियम ही उनके द्वारा जमा किया गया था।
उन्होंने विभागीय योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि डबरी योजना है। इसमे में डबरी खुदाई मनरेगा के तहत कराई जाती है। किसानों को कोई व्यय नही करना पड़ता। 50 फीसदी सब्सिडी वाले गौपालन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि डेयरी के लिए 12 लाख लोन पर 50 फीसदी सब्सिडी यहां दी जा रही है। इसका मकसद है कि किसान गौपालन करें और दुग्ध से अपनी आये बढ़ाए तथा जैविक खेती प्रारंभ करें।
उन्होंने कहा कि गांव की किसान का बेटा कृषि छोड़कर शहर आना चाहता है और अन्य व्यवसाय वह करना चाहता है। हमें चाहिए कि किसान के उस बेटे को उसके गांव में ही हम रोजगार उपलब्ध कराएं । इसके लिए सहकारिता एक बड़ा माध्यम हो सकता है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ चंद्रपाल सिंह यादव, अपैक्स बैंक अध्यक्ष अशोक बजाज,मार्कफेड अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता सहित किसान व विभागीय अधिकारी मौजूद थे।