प्रसासनिक अधिकारी या सिविल सर्विसिस में सफलता के ज्योतिष योग:(पं.) डॉ. विश्वरँजन मिश्र
प्रत्येक उच्च शिक्षित व्यक्ति एक अच्छे पद को पाने का इच्छुक होता है।।परंतु जन्मकुंडली में बनी भिन्न–भिन्न ग्रहस्थितियों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की रुचि या इच्छा अलग अलग क्षेत्रों में अपना करियर बनाने की होती है। जहाँ कुछ तकनीकी क्षेत्रों से जुड़ते हैं, कुछ रचनात्मक कार्यों से तो प्रशासनिक कार्यों से।।इस लेख में हम विशेषकर आई.ए.एस. आई.पी.एस. जैसे प्रशासनिक अधिकारी बनने या सिविल सर्विसिस में सफलता पाने के लिए विशेष ग्रहयोगों पर चर्चा कर रहे हैं कुंडली में कौन से ग्रह और ग्रहस्थितियां व्यक्ति को सिविल सर्विसिस में सफलता दिलाती हैं।
“ज्योतिषीय दृष्टि में “मंगल” और “सूर्य” को प्रशासनिक पद या प्रशासनिक अधिकारों और कार्यों का कारक माना गया है इसके अतिरिक्त बृहस्पति की यहाँ सहायक भूमिका होती है। मंगल को हिम्मत, शक्ति, पराक्रम, उत्साह, रणनीति, स्पर्धा और कानून व्यवस्था, पुलिस और नियमव्यवस्था का कारक माना गया है अतः एक प्रशासनिक अधिकारी में जिन गुणों का उपस्थित होना आवश्यक है वह सब मंगल के अन्तर्गत आते हैं इसी प्रकार सूर्य को सरकार, सरकारी कार्य, प्रसासन और प्रशासनिक कार्यों का कारक माना गया है और सूर्य ही व्यक्ति को सरकारी कार्य से जोड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाता है इसके अलावा बृहस्पति व्यक्ति को ज्ञान के साथ साथ परिस्थिति और व्यवस्था को मैनेज करने की प्रतिभा देता है अतः निष्कर्षतः मंगल व्यक्ति में व्यक्ति में पराक्रम, उत्साह, बल और निर्भयता को देकर आईपीएस जैसे पुलिस अधिकारी बनने में सहायक होता है तो वहीँ बृहस्पति की अच्छी स्थिति व्यक्ति में आईएएस, जैसे प्रशासनिक अधिकारी बनने की प्रतिभा देता है तथा सूर्य व्यक्ति को सरकार और प्रसासन से जोड़ने का कार्य करता है इसके अलावा आईपीएस और आईएएस दोनों ही क्षेत्रों में शिक्षा बौद्धिक क्षमता और कॉम्पटीशन की बड़ी अहम भूमिका होती है इसलिए यहाँ बुद्धि कारक बुध, ज्ञान और शिक्षा कारक बृहस्पति तथा कॉम्पटीशन के कारक छटे भाव का भी अच्छी स्थिति में होना आवश्यक है, बलवान बुध और बृहस्पति व्यक्ति को अच्छी बौद्धिक क्षमता देते हैं तो कुंडली के छटे भाव का बली होना व्यक्ति में कॉम्पटीशन की क्षमता देकर सिविल सर्विसिस में आगे बढ़ने का मार्ग प्रसस्त करता है, आईपीएस के लिए मंगल, सूर्य और बृहस्पति में से भी मंगल की अधिक भूमिका होती है तथा आईएएस के लिए सूर्य और बृहस्पति की अधिक भूमिका होती है। जिन लोगो की कुंडली में पंचम भाव, बुध और छटा भाव बलि होते हैं उन्हें सिविल सर्विसिस की परीक्षाओं या कॉम्पटीशन में जल्दी सफलता मिलती है और इन घटकों के कमजोर होने पर संघर्ष और विलम्ब का सामना करना पड़ता है।
कुछ विशेष योग –
यदि मंगल स्व या उच्च राशि (मेष, वृश्चिक, मकर) में शुभ स्थान में हो तो आईपीएस में सफलता देता है।
मंगल बली होकर दशम भाव में स्थित हो या मंगल की दशम भाव पर दृष्टि हो तो आईपीएस का योग बनता है।
मंगल यदि बली होकर शनि से पाचवे या नवे भाव में हो तो भी आईपीएस में जाने का योग बनता है।
सूर्य स्व उच्च राशि (सिंह, मेष) में होकर शुभ स्थानों में हो तो उच्च प्रशासनिक सेवा से जोड़ता है।
सूर्य का दशम भाव में होना या दशम भाव को देखना भी प्रसासन से जोड़ता है।
यदि सूर्य मंगल का योग मेष राशि में हो तो आईपीएस अधिकारी बनने में सफलता मिलती है।
सूर्य और बृहस्पति का योग हो और मंगल शुभ भाव में बली होने पर भी आईएएस में सफलता देता है।
बृहस्पति यदि स्व उच्च राशि (धनु, मीन,कर्क) में होकर केंद्र त्रिकोण में हो और सूर्य भी शुभ स्थिति में हो तो आईएएस में सफलता दिलाता है।
सूर्य और बृहस्पति का योग लग्न में होना भी आईएएस के क्षेत्र की सफलता देता है।
कुंडली में बुधादित्य योग शुभ स्थान में बनना मेष,मिथुन, सिंह और कन्या राशि में बनना भी सिविल सर्विसिस के कॉम्पटीशन में सफलता दिलाता है।
विशेष – जैसा की हमने यहाँ स्पष्ठ किया के मंगल, बृहस्पति और सूर्य को सिविल सर्विसिस के लिए मुख्य कारक ग्रह माना गया है पर बिना सूर्य के अच्छी स्थिति में हुए सरकारी सेवा का योग नहीं बनता अतः सिविल सर्विस में जाने के लिए मंगल और सूर्य दोनों ही अच्छी स्थिति में होने चाहियें इसके अतिरिक्त किस व्यक्ति को इस क्षेत्र में कितनी जल्दी या किस स्तर की सफलता मिलेगी यह किसी भी व्यक्ति की अपनी कुंडली पर निर्भर करता है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहस्थिति भिन्न होती है, उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पंचम भाव बुध और बृहस्पति कमजोर होने से उसकी शिक्षा ही अच्छी नहीं रही तो फिर मंगल बलवान होने पर भी वह सिविल सर्विस में सफल कैसे हो सकता है क्योंकि अच्छी शिक्षा के बिना तो इस क्षेत्र में आगे बढ़ना संभव ही नहीं है इसी प्रकार दो अलग अलग व्यक्तियों की कुंडली में आजीविका का स्तर भी भिन्न भिन्न होने पर कोण किस स्तर तक उन्नति करेगा यह व्यक्ति की व्यक्तिगत कुंडली की क्षमता पर निर्भर करता है। मंगल की प्रधानता विशेषकर आईपीएस की और तथा बृहस्पति की प्रधानता आईएएस की और सफलता दिलाती है पर सूर्य की यहाँ बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है जो दोनों ही क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है जिन लोगो की कुंडली में सूर्य नीच राशि में हो राहु से पीड़ित हो या अन्य प्रकार कमजोर हो ऐसे व्यक्तियों को सिविल सर्विसिस में आसानी से सफलता नहीं मिलती इसी प्रकार कुंडली का छटा भाव भी यदि पीड़ित हो तो व्यक्ति बहुत बार कॉम्पटीशन में सफल ना होने के कारण इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाता अतः सूर्य और छटे भाव का बली होना भी सिविल सर्विसिस के लिए बहुत आवश्यक है।
यदि आप बारम्बार इन परीक्षाओं में असफल हो रहे है तो कि योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर कुछ उपाय करने पर सफल भी हो सकते हैं।।
भविष्यवक्ता
(पं.) डॉ. विश्वरँजन मिश्र, रायपुर
एम.ए.(ज्योतिष), बी.एड., पी.एच.डी.
ज्योतिष से जुड़े सामधान के लिए आप (पं.) डॉ. विश्वरँजन मिश्र से संपर्क इन नम्बरों पर करे
MOB:980614300
MOB:8103533330