सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाकर सडक पर उतरे जिले भर के अधिकारी कर्मचारी
बैकुण्ठपुर/ जिलेभर में आज सरकारी दफ्तरों में कामकाज प्रभावित रहा। दरअसल बुधवार को अपनी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी संघ नें धरना दिया। कर्मचारियों का आरोप है कि 2013 के घोषणापत्र में जो वादे किए गए उसमें से एक भी पूरा नहीं किया गया है। इस हड़ताल के चलते समस्त जिले के कार्यालयों के कामकाज पर असर पड़ा है।छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन द्वारा 9 मई को अपनी माँगो और समस्याओ के संबंध मे आपसे समक्ष मे चर्चा कर विधान सभा चुनाव 2013 के दौरान सत्तारूढ़ दल भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र मे किये गये वादों और अन्य लंबित माँगो और समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौपते हुए इन्हें पूरा कराने का अनुरोध किया गया था। ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री के सचिव सुबोध सिंह को सौंपकर उनसे भी चर्चा की गई। इसके उपरांत फेडरेशन द्वारा 12 जून को सत्तारूढ़ दल भाजपा के सभी सांसद ,सभी विधायकों जिनमें मंत्रीगण भी शमिल हैं ,को विधानसभा चुनाव 2013 के संकल्प पत्र ( घोषणा पत्र ) की प्रति सौंपकर उनसे भी इन्हें पूरा कराने का आग्रह किया गया। फेडरेशन ने अपनी 12 जून की प्रस्तावित हड़ताल को विकास यात्रा को देखते हुए स्थगित किया गया।
फेडरेशन के द्वारा अपनी माँगो को लेकर अब तक किये प्रयासों के बावजूद हमारी माँगो के प्रति शासन का रवैय्या सकारात्मक नही होने के कारण हमें 27 जून को एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर सांकेतिक हडताल के लिए विवश होना पड रहा है। यदि हमारी माँगो को नही माना जाता है तो हमें भविष्य मे अनिश्चित क़ालीन हड़ताल के लिए विवश होना पड़ेगा।
प्रमुख माँगें,
1. भाजपा के विधान सभा चुनाव 2013 के संकल्प पत्र /चुनावी घोषणा पत्र मे किये गये कर्मचारी हितैषी वादो को पूरा करने जिनमें चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान, लिपिको सहित समस्त संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करने , पूर्ण पेंशन की पात्रता के लिए 33 वर्ष की जगह 25 वर्ष करने सहित बहुत से वादे शमिल हैं को पूरा कराने ।
2. सातवें वेतनमान का ऐरियर्स प्रदान करते हुए गृह भाड़ा भत्ता सहित समस्त भत्तों को 1जनवरी 2016 से दिया जावे ”
3. प्रदेश के समस्त निगम मंडल के साथ साथ समस्त पेंशनरों को भी सातवे वेतनमान का लाभ 01 जनवरी 2016 से देने।
4. संविदा कर्मचारियों , अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को पूर्व की भाँति नियमित करने किया जाये ।
5. प्रदेश के कर्मचारियों तथा पेंशनरों को केन्द्रीय दर पर महंगाई भत्ता देने
6. राज्य परामर्शदात्री समिति की नियमित बैठक हर तीन माह मे आयोजित करवाने ।
7. लंबित डीए की किश्त का अविलंब नगद भुगतान करने
8. नये रायपुर मे बसने के इच्छुक अधिकारियों , कर्मचारियों को सस्ती दरो पर विकसित भूखंड उपलब्ध कराने
9. विभिन्न संगठनो की मान्यता संबंधी लंबित मामले का निराकरण कराने प्रांतीय पदाधिकारियों को पूर्व की भाँति मंत्रालय पास जारी कराने जैसे मुद्दे शमिल हैं ।
संकल्प पत्र मे दर्शित उपरोक्त संकल्प और कर्मचारियों की माँगो पर अविलंब निर्णय लिया जाये नही तो हमे आगामी समय मे अनिश्चितकालीन/समयबध्द हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा ।
छत्तीसगढ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से जुडे समस्त संगठन के पदाधिकारियों सहित सदस्य मौजुद थे।