हर व्यक्ति को आजीवन याद रहता है स्कूल का पहला दिन : डाॅ. रमन सिंह
रायपुर : मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर के भाठागांव स्थित नगर माता बिन्नी बाई सोनकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने प्राथमिक से लेकर हाईस्कूल कक्षाओं तक नये प्रवेश लेने वाले बच्चों का तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को निःशुल्क बैग और पाठ्य पुस्तकों का भी वितरण किया। डाॅ. सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में स्कूल का पहला दिन, वहां की पहली कक्षा और पहले शिक्षक आजीवन याद रहते हैं। उन्होंने कहा – मुझे आज भी याद है कि उस जमाने में माता-पिता जब बच्चों को स्कूल में दाखिले के लिए ले जाते थे, तो बच्चे भय और संकोच की वजह से रोते थे। माता-पिता को उनका हाथ पकड़कर स्कूल ले जाना पड़ता था, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रत्येक शिक्षा सत्र के लिए शुरू की गई शाला प्रवेश उत्सवों की परम्परा से बच्चों में स्कूल के प्रति उत्साह और आकर्षण बढ़ा है। अब अधिकांश बच्चे पहले ही दिन से हसते हुए स्कूल जाते हैं। डाॅ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुलकलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान सहित स्कूल में दिये जा रहे संसाधनों के फलस्वरूप अब हमारे सरकारी स्कूलों का स्तर काफी बढ़ा है और पढ़ाई के मामले में सरकारी और निजी स्कूलों में कोई अंतर नहीं रह गया है। डाॅ. सिंह ने कहा कि – मैंने स्वयं और हमारे साथियों ने भी सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की है। मेरे बच्चों ने भी सरकारी शिक्षा संस्थाओं में पढ़ाई की है और डाॅक्टर तथा इंजीनियर बने हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नगर माता बिन्नी बाई सोनकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नये शिक्षा सत्र से कृषि संकाय शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने इस विद्यालय परिसर में स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से एक आउटडोर स्टेडियम भी बनवाने का ऐलान किया।
प्रदेश के स्कूली बच्चों को ‘विकास के लिए खेल’ योजना की सौगात
डाॅ. सिंह ने समारोह में प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को विकास के लिए खेल (स्पोर्टस फाॅर डेव्हलपमेंट) योजना की भी सौगात दी। डाॅ. सिंह ने फुटबाॅल को किक लगाकर इस योजना का शुभारंभ किया। यह योजना प्रदेश के सभी स्कूलों में समग्र शिक्षा के अंतर्गत खेल सुविधाएं विकसित करने के लिए युनिसेफ के सहयोग से संचालित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा – राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में 30 नये काॅलेज खोलने के लिए राशि का प्रावधान किया है। इनमें से एक काॅलेज भाठागांव में भी मंजूर किया गया है, जो इस वर्ष नये शिक्षा सत्र में एक जुलाई से शुरू किया जाएगा।
जल्द शुरू होगी विषय शिक्षकों की भर्ती
मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा – राज्य के स्कूलों में भौतिक शास्त्र, गणित, रसायन शास्त्र, अंग्रेजी आदि विभिन्न विषयों के शिक्षक पर्याप्त संख्या में हों, इसके लिए भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। उन्होंने पंचायत एवं नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षकों (शिक्षाकर्मियों) के संविलियन के राज्य शासन के ऐतिहासिक निर्णय का उल्लेख करते हुए उनसे और भी अधिक समर्पित होकर कर्तव्य निर्वहन का आव्हान किया। डाॅ. सिंह ने कहा कि हम सब मिलकर प्रदेश के बच्चों के व्यापक हित में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
समारोह की अध्यक्षता लोकसभा सांसद श्री रमेश बैस ने की। कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री देवजी भाई पटेल, रायपुर नगर (उत्तर) के विधायक श्री श्रीचंद सुंदरानी और अध्यक्ष जिला पंचायत रायपुर श्रीमती शारदा वर्मा सहित अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने भी इस अवसर पर नये प्रवेश ले रहे बच्चों का तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत और अभिंनदन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 15 नवप्रवेशी बच्चों को तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर शाला में प्रवेश कराया। उन्होंने इस अवसर पर बच्चों को स्कूल बैग और किताबें भी प्रदान की। मुख्यमंत्री ने नन्ही बालिका दुर्गा धु्रव, खुशी बघेल और जान्हवी साहू को कक्षा पहली में तथा कु.अमन निर्मलकर, पायल निर्मलकर और मोनू साहू को कक्षा छठवी में तथा कु.कलश सोनकर, कु. श्रद्धा सोनकर और वीरेन्द्र सोनकर को कक्षा नवमी में तिलकलगाकर प्रवेश दिलाया। मुख्यमंत्री ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत विनय साहू और योगेश्वरी सोनकर को भाठागांव सेक्टर के निजी स्कूलों में प्रवेश कराया।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा – छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में जो विकास के कार्य किए गए हैं, उनके उत्साहजनक नतीजे आज देखने को मिल रहे है। उन्होंने कहा कि पहले स्कूल भवन और शिक्षक पर्याप्त संख्या में नही थे, सड़कें जर्जर थी, शाला त्यागी बच्चों का प्रतिशत 12 था जो आज घटकर एक प्रतिशत हो गया है जो यह दर्शाता है कि स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के लिए बेहतर महौल दिया जा रहा है और संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है और इन सब से शिक्षा की गुणवत्ता में काफी वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा – आज निजी स्कूलों और सरकारी स्कूलों में फर्क खत्म हो गया है। निजी स्कूलों जैसी हर प्रकार की जरूरी सुविधा सरकारी स्कूलों में भी मुहैया करायी जा रही है। छत्तीसगढ़ के 150 से ज्यादा स्कूलो में इस साल से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इससे बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने का अवसर मिल सकेगा।