November 23, 2024

पैथोलॉजी क्लीनिकों  पर नहीं कसी जा रही नकेल, स्वास्थ्य विभाग फेल

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बैकुण्ठपुर/जिले में इन दिनों प्रतिदिन सैंकड़ों मरीज अवैध पैथोलॉजी के जाल में फंसकर आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। इस अवैध पैथोलॉजी के कारोबार में समाज के नामी-गिरामी लोग भी शामिल हैं। लिहाजा इनके खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करने से कतराती है। जिले के मरीजों की जिंदगी पूरी तरह भगवान के रहमो-करम पर निर्भर है। एक तरफ जहां जिले के सबसे बड़े अस्पताल जिला अस्पताल का हाल-बेहाल है, तो वहीं दूसरी तरफ झोला छाप डॉक्टरों की वजह से मरीजों की जान सांसत में है ना केवल डॉक्टर बल्कि पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड तक के मामले में भी पूरे जिले में फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है। आलीशान बिल्डिंग से लेकर झुग्गी तक में डॉक्टरों और नर्सिंग होम के बोर्ड लगे हुए हैं जहां मरीजों का आर्थिक शोषण जारी है। जिला मुख्यालय ही नहीं  सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी क्लिनिक और पैथोलॉजी की भरमार है। सूत्र बताते हैं कि जितने भी डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे हैं, उसमें लगभग 50 फीसदी चिकित्सकों के पास ही वैध डिग्री प्राप्त है। इसके अलावा अजब-गजब डिग्री भी बोर्ड पर लिखे होते हैं और विश्व विद्यालय या संस्था के भी नाम भी अजीबो-गरीब होते हैं। खास बात यह है कि इस फर्जीवाड़े के इस खेल से विभागीय अधिकारी ही नहीं जिला प्रशासन भी बखूबी वाकिफ है, बावजूद इसके ऐसे पैथोलॉजी के विरुद्ध ना तो कभी जांच की गयी है और ना ही इन पर नकेल कसने के लिये कोई कार्रवाई ही की गयी है। लिहाजा ये कहना वाजिब ही होगा कि सबों ने एक दूसरे को मौन समर्थन दे रखा है। जानकारी के मुताबिक केवल एमडी पैथोलॉजिस्ट या डीसीपी डिप्लोमा इन क्लिनिक पैथोलॉजी डिग्री धारक ही कोई पैथ लैब खोल सकते हैं। साथ ही पैथ लैब के कर्मचारियों के लिए भी आवश्यक योग्यता अनिवार्य है, सूत्रों की मानें तो अधिकतर पैथोलॉजी इंटर, बीए पास द्वारा चलाई जा रही है, जो वर्षों बाद डीएमएसटी में डिप्लोमा कर लेते हैं जबकि इतनी योग्यता रखने वाला व्यक्ति का पैथलैब में सिर्फ सहयोगी का ही काम कर सकता है, कई पैथलैब में एमडी पैथोलाजिस्ट की जगह एमबीबीएस रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करते हैं, इतना ही नहीं उनका सहयोग करने के लिए साधारण टेकनीशियन होते हैं तो कभी-कभी साक्षर भी रहते हैं। गौरतलब है कि किसी भी पैथोलॉजिस्ट के लिए एक दिन में 20 से अधिक स्लाइड देख पाना संभव नहीं है लेकिन जिले में साधारण पैथोलॉजी के कर्मचारियों द्वारा सैकड़ों स्लाईड देखा जाता है।  अवैध क्लिनिक के विरुद्ध कार्रवाई के नाम पर खानापूरी लगातार मरीजों की आर्थिक शोषण के बाद कभी-कभी प्रशासन भी हरकत में आती रही। जिला मुख्यालय के चरचा कालरी में पिछले दिनों सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत विभाग से मांगी गयी जानकारी मे चरचा कालरी मे सिंह मेडिकल सहित जिले मे चल रही  अवैध क्लिनिकों और पैथोलॉजी को लेकर वर्षों पहले कार्यवाही की गई थी जो की दिखावे मात्र की कार्यवाही थी। चरचा कालरी मे अवैध रुप से संचालित लैब विगत कई वर्षों से संचालित है जिसकी शिकायत शासन, प्रशासन से करनें पर कोघ कार्यवाही नहीं होनें व जिला प्रशासन के ऊपर शासन का दबाव इतना बढ़ा है कि विभाग कार्यवाही से बच कर भाग रहा है। शासन, प्रशासन से कोई कार्यवाही नहीं होनें पर पिडित नें न्याय की गुहार हाई कोर्ट बिलासपुर मे की गई कोर्ट नें चार हप्ते का समय जिला प्रशासन को दिया गया था जिसके बाद आज कई महिनों के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई है और न ही आज तक उन संचालकों के विरुद्ध ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है, लिहाजा खुलेआम फिर से अवैध रूप से ऐसे क्लिनिक और जांच घर संचालित किये जा रहे हैं। विभाग द्वारा समुचित कदम नहीं उठाए जाने से मरीज आये दिन इसका शिकार हो रहे हैं। उन्हें अपनी जान देकर भी इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
              सूत्रों की मानें तो चरचा मे सिंह पैथौलाजी लैब सहित ऐसे अवैध सैकडों क्लिनिक है जहां जांच घर से कर मोटी कमीशन लेकर  खास लोगों को दी जाती है जो इसका संरक्षण करते हैं। लिहाजा इन लोगों पर कभी आंच नहीं आती है। फर्जीवाड़ा का खेल ऐसा है कि चिकित्सक भले ही बैकुण्ठपुर, मनेंन्द्रगढ़ और चिरमिरी में कार्यरत हों, उनके नाम का बोर्ड फर्जी क्लिनिकों पर लगा रहता है। ताकि जांच के दौरान क्लिनिक संचालक जवाब दे सके, ऐसे क्लिनिकों व नर्सिंग होम में धड़ल्ले से ऑपरेशन भी किये जाते हैं। जिसकी आड़ में फर्जी चिकित्सकों का धंधा बेरोक-टोक जारी है। ऐसे क्लिनिक और नर्सिंग होम आलीशान बिल्डिंग से लेकर झुग्गी झोपड़ी तक में चलाये जा रहे हैं, जहां मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ आम बात है।
उच्च न्यायालय के आदेशों की धज्जीया उडाता स्वास्थ्य विभाग 
जिला मुख्यालय से लगे नपा चरचा कालरी में अवैध रुप से संचालित सिंह पैथौलाजी लैब के खिलाफ कार्यवाही का आदेश माननीय उच्च न्यायालय बिलासपूर द्वारा कलेक्टर कोरिया 27/09/2017 को चार सप्ताह मे कार्यवाही करने आदेश दिया गया था। जिसके बाद नौ माह का समय बित चूका है जिसके बात भी कोरिया कलेक्टर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। नपा क्षेत्र चरचा कालरी के स्थानिय निवाशियों का दबी जुबान से कहना है कि यह लेब भाजपा के एक नेता द्वारा मनेंन्द्रगढ़ के डाक्टर से सम्पर्क कर कमिशन मे संचालित किया जा रहा है। जिससे सभी जानते है कि छ.ग. मे भाजपा सत्ता शासन मे है ही सांथ ही स्थानिय विधायक भी छग शासध मे मंत्री है शायद यहि कारण है की कोरिया जिले मे माननीय उच्च न्यायालय बिलासपूर के आदेशों की अव्हेल्ना करनें से अधिकारी और लैब संचलक नहीं चुक रहे है। जिसका खामियाजा कोरिया जिले की भोली भली जनता को अपनी जान माल दे कर चूकानी पड़ रहा है।

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