शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद रविवार को भारत लौटे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन के किंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद रविवार को भारत लौटे। अपनी इस यात्रा के दौरान मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय तथा वैश्विक मुद्दों पर बहुत ही महत्वपूर्ण बातचीत की। दोनों नेताओं ने अगले वर्ष भारत में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के आयोजन तथा सीमा पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रयासों को जारी रखने पर सहमति जताई है।
मोदी ने कहा कि उन्हें पूर्ण सदस्य के रूप में पहली बार एससीओ शिखर बैठक में आकर बेहद खुशी हो रही है। पिछले एक वर्ष में इस संगठन की भूमिका को भली-भांति समझने और उसमें योगदान के अवसर को हम बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। उन्होंने एससीओ की 25वीं वर्षगांठ के मौके के लिए कुछ ऐसे लक्ष्य तय करने और उनके लिए एक रोडमैप बनाने का भी आह्वान किया जो निश्चित रूप से हासिल किये जा सकें और संगठन को प्रभावकारी बना सकें।उन्होंने कहा कि एससीओ का भौगोलिक क्षेत्र हकाारों साल से पूरी दुनिया के लिए भौतिक, वैज्ञानिक, दार्शनिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रगति का प्रेरणा-स्रोत रहा है। बुद्ध और कंफूशिअस, सम्राट अशोक तथा तांग वंश, समरकंद एवं बुखारा, नालंदा एवं तक्षशिला, शुआन त्सांग तथा कश्यप मातंग, अल बरूनी और आर्यभट्ट, महात्मा गांधी और टॉलस्टॉय, रूमी तथा कालिदास आदि इस क्षेत्र की ऐसी अनगिनत विभूतियों ने पूरी मानवता को गंगा और वोल्गा की तरह सींचा है।
एससीओ शिखर बैठक में कुल 22 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये गये हैं जिनमें एक संयुक्त वक्तव्य तथा 21 अन्य दस्तावेज शामिल हैं। एक दस्तावेज सीमाशुल्क, एक लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमों पर और एक पर्यटन भी पर शामिल है। इसके अलावा मध्य एशिया के साथ भारत के रिश्ते प्रगाढ़ करने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री ने रविवार को यहां ताजकिस्तान, किर्गिस्तान और मंगोलिया के राष्ट्रपतियों से अलग-अलग द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। मोदी ने ट्विटर पर इन मुलाकातों की जानकारियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि ताजकिस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नकारबायेव के साथ उनकी मुलाकात बहुत अच्छी रही।विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्कायोयेब भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। उनकी यात्रा की तैयारियों के बारे में दोनों नेताओं ने विचार विमर्श किया। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के बारे में भी चर्चा की। मिर्कायोयेब ने ताशकंद सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश राज्य मंत्री को भेजने पर मोदी को धन्यवाद दिया।
मोदी ने ट्वीट करके बताया कि उनकी किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोन्बे जीन्बेकोव के साथ बहुत अच्छी मुलाकात हुई। दोनों ने अपने द्विपक्षीय साझेदारी को और मकाबूत करने के बारे में बात की। उन्होंने मंगोलिया के राष्ट्रपति खाल्तमागीन बात्तुल्गा से भी भेंट की।गौरतलब है कि करीब छह सप्ताह के भीतर श्री मोदी की यह दूसरी चीन यात्रा रही। इससे पहले प्रधानमंत्री चीनी राष्ट्रपति के साथ एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए 27 और 28 अप्रैल को चीन के वुहान शहर में थे।
साभारः पंजाब केसरी