रायपुर,कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता आज यहां आयोजित कार्यक्रम में नार्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ वाटर एंड लैंड मैनेजमेंट(नेरीवाल्म) और छत्तीसगढ़ सरकार के जल संसाधन विभाग के बीच राज्य के जल प्रबंधन पर विशेष कार्ययोजना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने और नेरीवाल्म के निदेशक पंकज बरुआ ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस संस्था को देश के 19 राज्यों के जल प्रबंधन में काम करने की जिम्मेदारी मिली है। एमओयू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का 17वा राज्य है।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मौजूद सभी अधिकारियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि हमारे समक्ष भविष्य के जल संकट को कम करने की चुनौती है। इस चुनौती को स्वीकारते हुए हमें सकारात्मक सोंच के साथ काम करना है। आज जलवायु परिवर्तन की वजह से कभी कम तो कभी ज्यादा बारिश से विकट स्थिति निर्मित हो रही है। साथ भूजल का तेजी से नीचे जाना भी हमारी चिंता का सबब है। यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में पानी का संरक्षण और संवर्धन वर्तमान की महति आवश्यकता है। आज हुए समझौते के बाद आने वाले 1 वर्ष के भीतर हमें जो रिपोर्ट प्राप्त होगी वह भविष्य की रणनीति बनाने के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश मे व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर ठोस कदम उठाये गये है। दुनियां एक ओर जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है। ऐसे में भारत द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों को दुनियां की सराहना मिल रही है।  हमे भी सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस कार्य को मिलजुलकर सफलता पूर्वक पूर्ण करना है।
जानकारी के मुताबिक भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जल मिशन के अंतर्गत जल क्षेत्र पर पड़ने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के आकलन हेतु सभी राज्यों को जल क्षेत्र पर राज्य विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के लिए  नार्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ वाटर एंड लैंड मैनेजमेंट को राष्ट्रीय नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस हेतु नोडल विभाग राज्य के जल संसाधन विभाग को एवं नोडल एजेंसी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर को बनाया गया है। जलवायु परिवर्तन पर राज्य विशेष कार्य योजना अंतर्गत जल उपयोग क्षमता में 20ः वृद्धि,जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन करना, कछार आधारित एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देना, राज्य का वार्षिक जल बजट तैयार करना, वर्ष 2050 तक के लिए जल सुरक्षा जल बचत पर एक विस्तृत जल योजना तैयार किया जाएगा। साथ ही इस अध्ययन से छत्तीसगढ़ राज्य में वैश्विक तापन वृद्धि के संदर्भ में राज्य के जल क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभावों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जा सकेगा जिससे राज्य के सतही और भूमिगत जल स्रोतों का युक्तियुक्त पूर्ण तरीके से उपयोग हो सकेगा। इसके साथ ही वित्तीय बजट की भांति प्रतिवर्ष राज्य का जल बजट बनने से जल के समुचित वितरण प्रणाली एवं क्षमता में अभिवृद्धि होगी। इसका एक लाभ यह भी होगा कि जल्द से जुड़े विभिन्न में आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय विषय एवं उनसे जुड़े मुद्दों पर विस्तृत डाटाबेस तैयार होने से उनका समुचित समाधान संभव हो सकेगा। तय समय सीमा के भीतर तीन चरणों मे यह रिपोर्ट तैयार होगी। इस अवसर पर  जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता  एच.आर.कूटारेे मुख्य अभियंता एसवी भागवत सहित विभागीय अधिकारी मौजूूद थे।