मरवाही में कर्ज में डूबे किसान को भेजा वसूली का नोटिस, प्रताड़ना से तंग आकर किसान ने की आत्महत्या
– विधायक अमित जोगी ने लिखा मुख्य सचिव को पत्र
– मृतक किसान के आश्रितों को 25 लाख रुपए का मुआवजा, एक सदस्य को सरकारी नौकरी एवं मृतक की चारों लड़कियों की पढ़ाई व शादी की जिम्मेदारी ले शासन: अमित जोगी
– सभी किसानों का कर्ज माफ़ किया जाए: अमित जोगी
– मृतक किसान को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के विरुद्ध हो कार्यवाही: अमित जोगी
मरवाही विकासखंड के ग्राम – पिपरिया निवासी किसान श्री सुरेश सिंह मराबी पिता स्व. श्री निरंजन सिंह मराबी ने ग्राम – कुदरी, विकासखंड पेण्ड्रा में अपने ससुराल में 07 जून 2018 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में मरवाही के क्षेत्रीय विधायक अमित जोगी ने मुख्य सचिव श्री अजय सिंह को कड़ा पत्र लिख मुख्य सचिव को अवगत करवाया है कि मृतक किसान की पत्नी, मां एवं भाई के अनुसार मृतक सुरेश सिंह के ऊपर आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लरकेनी, विकासखंड – मरवाही, जिला – बिलासपुर का खाद-बीज का 1,50,606/- रुपये तथा 28,338/- का कर्ज था जिसे पटाने के लिए नोटिस देकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। जोगी ने पत्र में लिखा है कि सरकार जहां एक ओर विकास यात्रा निकालकर खुशहाल किसान, खुशहाल छत्तीसगढ़ का दावा कर रही है वही दूसरी ओर अकालग्रस्त क्षेत्र में कर्ज में डूबे किसानों को सहकारी बैंक के माध्यम से नोटिस दिलवाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करके उन्हें आत्महत्या करने के लिए विवश कर रही है। इसी प्रताड़ना से तंग आकर ग्राम पिपरिया के किसान श्री सुरेश सिंह मराबी पिता स्व. श्री निरंजन सिंह मराबी ने ग्राम – कुदरी, विकासखंड पेण्ड्रा में अपने ससुराल में 07 जून 2018 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जोगी ने पत्र में आगे लिखा है कि मृतक किसान के आश्रित उसकी पत्नी, चार बेटियां एवं वृद्ध मां थी। सरकारी प्रताड़ना के कारण इन आश्रितों का पालन पोषण करने वाला उनका सहारा छिन गया है जबकि शासन एवं प्रशासन को ज्ञात है कि पिछले 4 वर्षों से मरवाही क्षेत्र लगातार अल्प वर्षा एवं सूखे की मार झेल रहा है जिसके कारण इस क्षेत्र के किसानों के खेतों में फसल की उपज अत्यधिक प्रभावित होती चली गई है, इसी कारण से इस क्षेत्र के किसान आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों का खाद-बीज का कर्जा नहीं पटा पा रहे हैं। उसके बावजूद भी प्रभावित किसानों के यहां नोटिस पर नोटिस भेजकर उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है, जिसकी परिणिति है कि क्षेत्र में पूर्व में ग्राम पंडरी के किसान एवं अब ग्राम पिपरिया के किसान ने आत्महत्या कर ली।
अमित जोगी ने शासन कि नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्र में शासन को पीड़ित किसानों का संरक्षक बनकर उन्हें उचित मुआवजा राशि देनी चाहिए, लागत एवं होने वाले संभावित फसल की नुकसान का सही आंकलन करके उन्हें उचित बीमा राशि देनी चाहिए तथा किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए परंतु शासन इसके विपरीत आचरण करके किसानों का शोषण कर रहा है और प्रताड़ित कर उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रहा है।
अमित जोगी ने मुख्य सचिव से मांग करी कि सूखा प्रभावित मरवाही क्षेत्र में कर्ज में डूबे किसान सुरेश सिंह मराबी को वसूली का नोटिस भेजकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्यवाही की जाए। साथ ही मृतक किसान के आश्रितों को 25 लाख रुपए की मुआवजा राशि, एक सदस्य को सरकारी नौकरी एवं मृतक की चारों लड़कियों की पढ़ाई व शादी की जिम्मेदारी शासन द्वारा ली जाए। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सभी किसानों का कर्ज माफ करने की भी मांग जोगी द्वारा करी गयी है।