रायपुर, छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से कदम बढ़ाया है। अपने परिवार को आर्थिक संबल देने के लिए महिलाएं सक्षम हो रही हैं। छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना ने उन्हें स्वावलंबन की राह दिखाई है। अब तक लगभग 33 हजार महिला स्व सहायता समूहों को 68.70 करोड़ रूपए से ज्यादा का ऋण प्रदान कर महिलाओं को विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा गया हैंं।
छत्तीसगढ़ महिला कोष की योजना से ऋण लेकर महिलाएं समूह में छोटे-छोटे व्यवसाय कर रही हैं। उन्हें आसान शर्तो पर ऋण उपलब्ध कराया गया है। समूह में गठित महिलाएं जो छोटी-छोटी राशि की बचत कर बैंको में जमा करती हैं। उस बचत राशि का न्यूनतम चार गुना से लेकर अधिकतम दस गुना अथवा अधिकतम 50 हजार रूपए का ऋण उन्हें पहली बार प्रदान किया जाता है। समूह इस ऋण को सफलता पूर्वक वापस कर देती हैं तो उन्हें दूसरी बार में 2 लाख रूपए ऋण दिया जाता है। ये ऋण तीन प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। ऋण की वसूली आसान मासिक किश्तों में होती है।
छत्तीसगढ़ महिला कोष की योजना महिलाओं को आत्मसम्मान के साथ आजीविका का अवसर प्रदान करती है। यौन अत्याचार से पीडित अथवा यौंन व्यापार में संलिप्त महिलाओं एवं एच.आई.व्ही. पीड़ित महिलाओं को समाज में आत्मसम्मान के साथ जीवन यापन करने के लिए उन्हें आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। जिसके लिए इन महिलाओं को प्राथमिकता से ऋण प्रदान किया जाएगा। शासकीय चिकित्सक के चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर पात्रता की अन्य शर्ते पूर्ण करने वाली इन महिलाओं को 10 हजार रूपए का व्यक्तिगत ऋण 3 प्रतिशत साधारण ब्याज पर प्रदान किया जाएगा। इन महिलाओं द्वारा स्व सहायता समूह गठित किए जाने पर समूह को एक लाख रूपए की ऋण राशि 3 प्रतिशत साधारण ब्याज दर पर स्वीकृत की जाएगी। यह ऋण जिला कलेक्टर के अनुमोदन से प्रदान किया जाएगा। इस वर्ष से तृतीय लिंग हितग्राहियों को भी इन योजनाओं का लाभ लेने की पात्रता है।
छत्तीसगढ़ महिला कोष से गरीबी रेखा अंतर्गत जीवन यापन करने वाले ऐसी महिलाएं जो विधवा है, 35 वर्ष से 45 वर्ष की अविवाहित या कानूनी तौर पर तलाकशुदा है, उन्हें स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए एक लाख रूपए का ऋण ’सक्षम योजना’ के तहत प्रदान किया जाता है। इस आयु वर्ग की महिलाएं जिनके परिवार की वार्षिक आय एक लाख रूपए से कम हो वे भी इस योजना का लाभ ले सकती हैं। सक्षम योजना में अक्टूबर 2017 तक लगभग दो हजार महिलाओं को 11.33 करोड़ रूपए का ऋण स्वीकृत किया गया हैं। इस वर्ष से यौन उत्पीड़ित, एच.आई.व्ही. पॉजिटिव और तृतीय लिंग के हितग्राहियों को भी योजना का लाभ दिया जाएगा।
स्वावलंबी होने के लिए महिलाओं को व्यवसायिक रूप से दक्ष होना जरूरी हैं। इसको ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा ’स्वावलंबन योजना’ संचालित की जा रही हैं। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली या निम्न मध्यवर्गीय आय वाली महिलाएं जिनकी परिवार की वार्षिक आय एक लाख रूपए हैं, उन्हें इस योजना में कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे वे स्व रोजगार कर सके। योजना के प्रारंभ से अक्टूबर 2017 तक एक हजार 574 महिलाओं को विभिन्न व्यवसायों में कौशल प्रशिक्षण देकर उनके स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त किया गया हैं।