November 23, 2024

रोजगार सहायक बर्खास्त, सरपंच-सचिव पर मेहरबान प्रशासन, मामला मास्टर रोल में फर्जी मजदूरी दर्ज करने का..

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भानु प्रताप साहू- 9425891644
बलौदाबाजार/कसडोल। गांधी जी ने गांव में स्वराज्य की कल्पना जिस उद्देश्य से की थी उसके ठीक उलट इन दिनों ग्राम के जिम्मेदारों द्वारा किया जा रहा है इसकी एक बानगी विकासखंड कसडोल की ग्राम अवराई में देखा जा सकता है जहाँ पंचायत के कर्णधारों ने मनरेगा के कार्यो में फर्जी मास्टर रोल में पलायन मजदूरों का नाम दर्ज कर 1 लाख 80 हजार गबन कर लिया मामला प्रकाश में आने पर बीते वर्ष ग्राम के जागरूक समाजसेवीओ ने इसकी शिकायत जनपद सीईओ से लेकर जिला कलेक्टर से की लेकिन प्रशासन को कार्रवाई करने में 1 वर्ष से ज्यादा समय लग गए, शिकायतकर्ताओं की माने तो यहाँ प्रशासन ने सौतेला व्यवहार करते हुए एक पक्षीय कार्रवाई की है जबकि मनरेगा जैसे गंभीर मसलो पर सरपंच, सचिव के ऊपर भी कार्रवाई होना चाहिए था लेकिन यहाँ प्रशासन ने केवल अपना डंडा रोजगार सहायक के ऊपर ही चलाया और आज सरपंच सचिव मिलकर जनता के पैसों का जिस तरह अपनी झोली भरी यह तो यहाँ फर्जी मजदूरों के नाम निकाले पैसों, शौचालय निर्माण सहित मूलभूत से प्राप्त राशि से को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है।


रोजगार सहायक ने लगाया आरोप
ग्रामीणों की शिकायत पर जनपद पंचायत से पंचायत निरीक्षक से लेकर कई अधिकारी ने गांव में उपस्थित होकर बीते वर्ष जांचकर पंचनामा बनाकर फ़ाइल आगे बढ़ा दी थी कार्रवाई प्रक्रिया में चल रहा था लेकिन 29 मई को जनपद सीईओ ने कलेक्टर के अनुमोदन पश्चात रोजगार सहायक के ऊपर बर्खास्तगी की कार्रवाई कर दी लेकिन इस कार्रवाई से रोजगार सहायक ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़ा कर दिया, रोजगार सहायक ने कहा कि मास्टर रोल में मजदूरी भरने का जितना अधिकार मेरा होता उनसे है उससे कही ज्यादा अधिकार सरपंच और सचिव का है तो क्या रोजगार सहायक को मोहरा बनाकर कार्रवाई करना न्यायसंगत है जबकि मनरेगा के कार्यो की मॉनिटरिंग सरपंच-सचिव और जनपद के तत्कालीन तकनीकी सहायक कर रहे थे तो रोजगार सहायक के अलावा अन्य जिम्मेदारों को अभयदान देना कहा तक उचित है। वही रोजगार सहायक की बातों पर गौर करें तो यह बात भी गले से नही उतर रही कि सरपंच-सचिव की सहमति बिना अकेले रोजगार सहायक द्वारा लाखो का फर्जी मजदूरी भरा जाना संदेह प्रतीत होता है बहरहाल यह कार्रवाई तो अभी प्यादा तक पहुँची है विभागीय अधिकारियों की माने तो मुख्य सरगना के ऊपर भी आगे कार्रवाई की जा सकती है।


शौचालय निर्माण में धांधली
नाम न छापने की शर्त में ग्राम के कुछ लोगो ने बताया कि यहाँ 25 से ऊपर प्राइवेट शौचालय बनाये गए है जहाँ सरपंच ने उन हितग्राहियों को मजदूरी 1900 के अलावा 5 से 6 हजार तक भुगतान किया बाकी की राशि खुद हजम कर ली। सूत्रों की माने तो यहाँ भी सरपंच ने स्वच्छ भारत अभियान के पैसों को जमकर लुटा और आज भी कई हितग्राहियों के यहाँ शौचालय का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है जिससे शौच के लिये खुले में जाना पड़ रहा है।
नेता जी के आगे सब कायदे फेल…
यहाँ प्रशासन ने एक पक्षीय कार्रवाई कर नेता जी के दबाव को बरकरार रखने में अपनी भूमिका तो अदा कर दी और पूरे विधानसभा क्षेत्र में नेता जी का दबाव भी है ऐसे में अब तो सभी विपक्ष पार्टी भी नेता जी के आगे बौने साबित हो रहे है उन्हें भी पता है की जब तक नेता जी सत्ते में है तब तक उनके कार्यकर्ताओ के ऊपर किसी तरह की कार्रवाई नही हो सकती है।
कागजो में दफन विकास..
जनपद मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर भले ही अवराई पंचायत बसा हो लेकिन यहाँ सरपंच और सचिव ने मिलकर जिस तरह गांव के विकास को कागजो में दफन कर डाला इसकी बानगी तो गांव को देखकर लगाया जा सकता है यहाँ कई ऐसे कारनामे रचे गए है जिसकी अगर सूक्ष्म जांच कराई जाए तो प्याज के छिलके की तरह परत दर परत खुल कर सामने आएगा।
मूलभूत की राशि का पता नही
गांव के लोगों का कहना है यहां सरपंच-सचिव ने मिलकर मूलभूत और 13 वे वित्त के पैसों का फर्जी बिल लगाकर बंदरबांट किया है मूलभूत में प्राप्त राशि का जिम्मेदारों ने गांव के विकास में किसी तरह कार्य नही कराया बल्कि प्राप्त शासकीय राशि की होली खेली गई है जिसकी जांच आवश्यक है।
मजदूरी भुगतान के लिए भटक रहे हितग्राही
ग्राम में बीते वर्ष तालाब गहरीकरण का कार्य विछल डबरी और नरसिंह तालाब में लाखों के लागत से कराया गया था जिसमे गांव के शांति बाई, सतरूपा बाई, जगदेव यादव, सावित्री पाईक एवं परमेश्वरी यादव सहित अन्य हितग्राहियों ने 6 सप्ताह से भी ज्यादा दिन कार्य किया था लेकिन उन्हें अभी तक मजदूरी का भुगतान नही किया गया जबकि यहां पलायन गए मजदूरों का भुगतान बिना कार्य किये ही हो गया। अचरज की बात है विभागीय अधिकारी यहां जांच के लिए तो आये लेकिन अधिकारियो ने इनकी सुध नही ली जिससे आज हितग्राही अपनी भुगतान के लिये दर-दर भटक रहे है।
इनका कहना है।
आपके माध्यम से शौचालय और मजदूरी भुगतान न होने की जानकारी दी जा रही है मैं फर्जी मजदूरी और शौचालय के लिये अलग-अलग टीम गठित कर जांच करवाऊंगा जो भी दोषी होगा निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
एम. चंद्रशेखर
*मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कसडोल*

प्रशासन ने एक पक्षीय कार्रवाई किया है जबकि मास्टर रोल में सरपंच के द्वारा ही कहा गया था तो मेरे द्वारा हाजरी भरी गयी थी मैं तो नया था मुझे ज्यादा पता नही था मैंने कुछ नही किया अगर मैं दोषी हूँ तो मेरे से ज्यादा सरपंच दोषी है तो उसके ऊपर भी धारा 40 के तहत बर्खास्तगी की कार्रवाई होनी चाहिए।
दिलेश्वर कुमार ठाकुर
ग्राम पंचायत, अवराई

रोजगार गारंटी का काम रोजगार सहायक देख रहा था तो मैं कहाँ से दोषी हो गया। और शौचालय के नाम पर जो पैसों के गबन का जो आरोप लगाए जा रहे है ऐसा कुछ भी नही है मेरे द्वारा सभी पात्र हितग्राहियों को पूरा पैसा दिया है।
*यशोदा तोरन ध्रुव*
सरपंच, ग्राम पंचायत अवराई

मैं उस समय रोजगार गारंटी का काम नही देख रहा था उस समय तकनीकी सहायक हामिद पटेला देख रहे थे उनसे आप बात कर लीजिए।
अरुण कुरुवंशी
उपयंत्री

मेरा काम केवल मूल्याकंन का था मेरे अंडर 25 पंचायत थे मैं कहाँ-कहाँ देखता वैसे भी मेरा स्थानान्तरण जनपद पंचायत धमतरी हो गया है आप ज्यादा जानकारी जनपद कसडोल से ले लीजिए।
हामिद पटेला
तत्कालीन तकनीकी सहायक, जनपद पंचायत कसडोल

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