नर्सों की हड़ताल खत्म, सरकार 45 दिन में लेगी फैसला
रायपुर, । प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की तीन हजार से अधिक नर्सों ने शनिवार रात 10 बजे हड़ताल वापस ले ली। 16 दिनों से कामकाज छोड़कर पांच सूत्रीय मांगों के लिए धरने पर बैठीं नर्सों पर सरकार ने पहले एस्मा लगाया और शुक्रवार को इन सबको गिरफ्तार कर लिया गया। 277 से अधिक नर्सों को इनके पदाधिकारियों के साथ जेल में बंद कर दिया गया।इससे इनके आंदोलन को और बल मिला और जेल के अंदर ही भूख हड़ताल शुरू हो गई। उधर बाहर 500 से अधिक नर्सें डटी रहीं। लेकिन रात साढ़े नौ बजे स्वास्थ्य संचालक रानू साहू ने जेल में पहुंचकर नर्सों से मुलाकात की। सरकार की नीति के बारे में बताया। इसके बाद तय हुआ कि छत्तीसगढ़ परिचारिका कर्मचारी संघ की तीन पदाधिकारी शून्य में हड़ताल वापस लेती हैं।बता दें कि शनिवार सुबह कलेक्टर ओपी चौधरी ने भी नर्सों से मुलाकात की थी, लेकिन यह वार्ता विफल रही। नर्सों ने सीधे सीएम से बात करवाने की बात कही थी। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कहा गया है कि इस प्रकरण पर एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसकी रिपोर्ट पर 45 दिन में फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि पहले भी विभाग कमेटी गठित करने की बात कह चुका था,लेकिन नर्स संघ इसे मानने को तैयार ही नहीं था। वे त्वरित निर्णय चाह रहे थे, लेकिन शनिवार को ही स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें 48 घंटे का समय देते हुए बर्खास्तगी की चेतावनी जारी कर दी थी। सभी सीएमएचओ को कार्रवाई आदेश भी जारी कर दिए गए थे।
नर्सों ने लिखकर दिया– संघ अपनी हड़ताल शून्य पर वापस लेते हैं। हमारी परिचारिकाओं को मुख्यमंत्री का पूर्ण समर्थन है, स्वास्थ्य मंत्री हमारे पक्ष में निर्णय लेंगे। इसका हमें पूर्ण विश्वास है। हमारे साथियों के ऊपर अब तक जो भी दंडात्मक कार्रवाई की गई है, इसे निशर्त समाप्त किया जाए। हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें। (इसकी कॉपी ‘नईदुनिया’ के पास मौजूद है।)
ये हैं मुख्य मांगें
नर्सों के काम के घंटे को व्यवस्थित करने, रि क्त पदों पर भर्ती और पदोन्नति, स्टाफ नर्स को 4500 ग्रेड पे दिया जाए, ग्रेड टु भी का दिया जाए। समान प्रशिक्षण, समान कार्य, समान वेतन मिले।
72 घंटे में काम पर लौटें
नर्सों को सरकार की मंशा के बारे अवगत करवाया गया। बताया कि कमेटी बनाकर फैसला लिया जाएगा। इस पर वे हड़ताल खत्म करने पर जारी हो गईं। सभी नर्सों के बर्खास्तगी आदेश वापस लिए जाएंगे। वे 72 घंटे में काम पर लौंटे। – रानू साहू, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं
साभारः नई दुनिया