उल्लेखनीय है कि राजधानी रायपुर में केन्द्रीय विद्यालय में अध्ययन की व्यापक मांग थी और इसके लिए विद्यालय को बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे थे, लेकिन समुचित भवन एवं कक्षाओं के अभाव में सीटों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पा रही थी, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन रायपुर द्वारा जिला खनिज निधि से भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई और इसके आधार पर भारत सरकार के केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा रायपुर के केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-2 में इस शैक्षणिक सत्र से कक्षा पहली से नवमी तक सभी कक्षाओं के दो-दो सेक्शन के स्थान पर 4-4 सेक्शन की मंजूरी प्रदान की गई है। जिला खनिज निधि के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने की इस पहल से अब राजधानी रायपुर के करीब 1000 अतिरिक्त बच्चों को केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ने का लाभ मिलने लगेगा। इन अतिरिक्त सेक्शनों के लिए डीएमएफ से मिले 2.5 करोड़ रूपए की लागत से 24 कमरों का भवन बनाने के साथ अन्य विकास कार्य कराए गए है। यह भी उल्लेखनीय है कि यह देश का पहला केन्द्रीय विद्यालय है जहां जिला प्रशासन द्वारा जिला स्तर पर भवन का निर्माण कराया गया है। इस निधि से केन्द्रीय विद्यालय की सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लास के रूप में उन्नयन भी किया गया है। व्यवस्थित प्रयोगशालाएं, कम्प्यूटर कक्ष और लाइब्रेरी बनायी गई है। इसके अलावा डोम का निर्माण, चिल्ड्रन पार्क, ओपन एयर जिम, ओपन स्टेज एवं पेव्हड सरफेस जैसे अन्य विकास कार्य कराए गए है। इस सत्र में बढ़ी हुई एक हजार सीटों के लिए 6 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।