November 22, 2024

16 मई से 18 जून तक नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य :- लगा पुरुषोत्तम मास

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रायपुर ,पुरुषोत्तम मास 16 मई से आरम्भ हो रहा है। पुरुषोत्तम माह के आरम्भ होते ही मांगलिक कार्य रुक जायेंगे।16 मई से 18 जून तक विवाह, गृह प्रवेश, मकान खरीदी, भूमि पूजन आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान, भगवत कथाएँ आदि धार्मिक कार्य फलदायी माने जाते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. विश्वरँजन मिश्र ने बताया कि हिन्दू धर्म में पुरुषोत्तम मास (अधिक मास) हर तीन साल बाद आता है। पुरुषोत्तम मास 16 मई से प्रारंभ होकर 18 जून तक रहेगा। डॉ. मिश्र ने बताया कि अधिक मास 11 साल बाद ज्येष्ठ महीने में आया है।इससे पहले 2007 में अधिक मास ज्येष्ठ माह में आया था। इस बार वृषभ राशि में सूर्य 15 मई को प्रातः 05:01 बजे पहुँचेगा। इसके चलते 16 मई के बाद 18 जून तक विवाह आदि के मुहूर्त नहीं बन रहे हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दौरान धार्मिक आयोजन करना ही श्रेयष्कर है। संसार के पालनहार भगवान विष्णु को पुरुषोत्तम मास अत्यंत प्रिय है। इस दौरान ईश्वर आराधना से वे प्रसन्न होते हैं।
क्या है पुरुषोत्तम मास :-
ज्योतिषाचार्य डॉ. विश्वरँजन मिश्र के अनुसार जिस माह में सूर्य संक्रांति ना हो वह माह अधिक मास कहलाता है। अधिक मास शुक्ल पक्ष से प्रारंभ होकर कृष्ण पक्ष में समाप्त होता है। आम तौर पर यह स्थिति 32 माह, 16 दिन और 36 सेकण्ड में हर तीसरे साल बनती है। ऐसा सूर्य और पृथ्वी की गति में होने वाले परिवर्तन से तिथियों का समय घटने-बढ़ने के कारण होता है। ज्योतिष में चांद्र मास 354 दिन और सौर मास 365 दिन का होता है। इस कारण हर साल 11 दिन का अंतर आता है। चांद्र और सौर मास के इस अंतर को पूरा करने हेतु अधिक मास की व्यवस्था की गई है।

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