जल संरक्षण एवं प्रबंधन पर केन्द्रित केन्द्रीय केबिनेट सचिव सिन्हा ने राज्यों के मुख्य सचिवों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किया विचार-विमर्श
मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण, प्रबंधन सिंचाई और पेयजल के बारे में दी जानकारी
रायपुर, केन्द्रीय केबिनेट सचिव श्री प्रदीप कुमार सिन्हा ने आज देश के विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों से जल संरक्षण एवं प्रबंधन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विचार-विमर्श किया। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में राज्य की जल संरक्षण, प्रबंधन सहित लघु और मध्यम सिंचाई योजनाओं के बारे में उन्हें जानकारी दी। श्री सिंह ने राज्य में चलाये जा रहे पेयजल परीक्षण अभियान सहित जल प्रबंधन और संरक्षण की राज्य स्तरीय कार्य योजना के बारे में भी केबिनेट सचिव को बताया। मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में जल प्रबंधन एवं संरक्षण के लगभग नौ हजार कार्य प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत कराये गये है। इसी प्रकार राज्य के किसानों के खेतों में 65 हजार डबरी बनाई गई है। किसान सिंचाई के साथ अन्य कार्यो के लिए डबरियों के पानी को उपयोग करते हंै। उन्होंने बताया छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत सिंचाई और जल संरक्षण के लगभग एक लाख से अधिक कार्य कराये गये हैं और व्यापक स्तर पर राज्य में पौधारोपण किया गया है।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये केन्द्रीय केबिनेट सचिव श्री सिन्हा ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा कि राज्यों के सभी जिलों में जल स्त्रोतों को चिन्हांकित करें। सतही और भूमिगत जल संरक्षण का कार्य व्यापक स्तर पर किया जाये। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए जागरूकता लाने ग्रामीण और शहरी समुदायों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें। इसके लिए दूरदर्शन, रेडियो, मोबाईल एस.एम.एस. सहित अन्य प्रचार माध्यमों का उपयोग किया जाए। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडू, बिहार, कर्नाटक, झारखण्ड, ओडिसा, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों ने अपने-अपने राज्यों में जल प्रबंधन, संरक्षण, सिंचाई और पेयजल व्यवस्था के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर केन्द्र शासन के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।