समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव ने सभी जिलों में कम से कम शासकीय भवनों का ऑडिट कर विभाग को रिपोर्ट भेजने के दिए निर्देश

    रायपुर, प्रदेश में सार्वजनिक और शासकीय भवनों को बाधारहित बनाने के लिए सुगम्य भारत अभियान के तहत सुगम्य ऑडिट विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला आज सम्पन्न हुई। कार्यशाला के दूसरे दिन आज रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग से आए इंजीनियरों, वास्तुकारों और स्वयंसेवी संस्थानों और समाज कल्याण विभाग के प्रतिभागियों ने सुगम्य ऑडिट की बारीकियां सीखी। इस कार्यशाला के समापन के अवसर पर विशेष सचिव श्री आर. प्रसन्ना ने निर्देश दिए कि सभी प्रतिभागी अपने जिलों में जाकर कम से कम पांच सार्वजनिक/शासकीय इमारतों का ऑडिट करें।
समाज कल्याण विभाग के संचालक डॉ. संजय अलंग ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे इस तरह की कार्यशाला का आयोजन अपने-अपने जिलों में करवाएं, ताकि सुगम्य भारत अभियान के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी मिले। सुगम्य भारत अभियान के लिए भारत सरकार की ऑडिटर और नीति आयोग में स्थाई समिति की सदस्य सुश्री अंजली अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अब तक 83 शासकीय/सार्वजनिक भवनों का सुगम्य ऑडिट किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि सुगम्य भारत अभियान (एआईसी) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का राष्ट्रव्यापी महत्वपूर्ण अभियान है। इस अभियान का उद्देश्य देशभर में दिव्यांगजनों के लिए बाधा रहित और सुखद  वातावरण तैयार करना है। इस अभियान का शुभारंभ 03 दिसम्बर, 2015 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
यह अभियान विकलांगता के सामाजिक मॉडल के उस सिद्धांत पर आधारित है कि किसी व्यक्ति की सीमाओं और अक्षमताओं के कारण नहीं बल्कि सामाजिक व्यवस्था के तरीके के कारण विकलांगता है। शारीरिक, सामाजिक, संरचनात्मक और व्यवहार संबंधी बाधाएं सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों में दिव्यांगजनों को समान रूप से भागीदारी करने से रोकती हैं। बाधारहित वातावरण से दिव्यांगजनों के लिये सभी गतिविधियों में समान प्रतिभागिता की सुविधा होगी और इससे स्वतंत्र और सम्मानजनक तरीके से जीवन जीने के लिये उन्हें  प्रोत्साहन मिलेगा। इस अभियान में एक समावेशी समाज बनाने का दृष्टिकोण है जिसमें दिव्यांग व्यक्तियों की प्रगति और विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध हों ताकि वे उत्पादक, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए व्यापक पहुंच की सुविधा के लिए इस अभियान को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया हैरू वातावरण तैयार करना, परिवहन और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पारिस्थितिकी तंत्र।
सुगम्य भारत अभियान के पहले चरण में यह उद्देश्य रखा गया है कि देश के 50 शहरों में कम से कम 25 से 50 सबसे महत्वपूर्ण सरकारी भवनों का सुगम्यता ऑडिट पूरा कर इस वर्ष के अंत तक उन्हें पूरी तरह से सुगम्य बनाना। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और सभी राज्यों की राजधानियों के सभी सरकारी भवनों में से 50 प्रतिशत भवनों को दिसम्बर 2018 तक पूरी तरह से सुगम्य बनाना। दिसम्बर 2019 तक राज्यों के उन दस सबसे महत्वपूर्ण शहरों, कस्बों के सरकारी भवनों का 50 प्रतिशत सुगम्यता ऑडिट पूरा करना और उन्हें सुगम्य बनाना है।