October 25, 2024

फ्रेश पानी के नाम पर बेच रहे बीमारी, जिला इन दिनों तनु और बादल के चक्कर मे..

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भानु प्रताप साहू- 9584860177
*कसडोल*। जिलेभर में चिल्ड पानी के नाम पर उपभोक्ताओं को बीमारी परोसने का काम कई सालों से तनु और बादल नामक ब्रांड के संचालक द्वारा किया जा रहा है। पानी पाउच में जो उत्पादन तिथि अंकित रहता है उसे पड़ने के लिए उपभोक्ताओं को तीसरे आंख का सहारा लेना पड़ता है। आलम यह है कि एक्सपायरी डेट की पानी पाउच धड़ल्ले से बेची जा रही है इस मामले में खाद्य और औषधि विभाग मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते हुए पानी विक्रेताओं का ही पक्ष लेता दिख रहा है। तभी तो डंके की चोट में तनु और बादल के संचालक गर्मी के मौसम में गले को तर करने के लिए उपभोक्ताओं को मन माफिक दाम चुकाने पड़ रहे है। आलम यह है कि कई पाउच पानी और बोतल बेचकर ये सभी जगह अपनी दुकानें चला रहे है गर्मी के मौसम में पानी संचालक अपना लाखो रूपये का व्यापार कर रहे है। जिसमें कितना टैक्स ये संचालक शासन के खातों में जमा करा रहे है इसकी जानकारी फिलहाल आयकर विभाग के अधिकारी ही दे सकते है जिले से बाहर जब कोई व्यापारी यहां पर आकर व्यापार करते है, तो उसके लिए नियमों की झड़ी तो लगा दी जाती है लेकिन नाक के नीचे हो रहे इस सफेद कारोबार पर विभाग ने चंद रुपयों के खातिर आंख बंद कर बीमारी परोशने का ठेका दे रखा है।
वेस्ट विफोर बन मंथ


पानी पाउच में भले ही निर्माण तिथि का आसानी से पता न चलता हो लेकिन पानी संचालक उपभोक्ताओं को यह बताने का जरूर प्रयास किया जाता है कि उक्त पानी को एक माह के अंदर ही उपयोग करे यह बात अलग है कि उपभोक्ता को यह पानी पाउच कब की न कब की मिलती है लेकिन उत्पादन तिथि अंकित नही होने पर कही न कही पानी पाउच एक्सपायरी डेट का होना प्रतीत होता है। मतलब जब उपभोक्ता पानी पाउच खरीदने जाता है वही से बेस्ट बिफोर वन मंथ वाली बात शुरू हो जाती है भले ही पानी पुरानी स्टॉक की हो। यह काम काफी तेज से गाँव एरिया में पानी पाउच बेचने का काम किया जा रहा है जो आपको डोंगरीडीह, सिंघारी, हरदी, कसडोल, भालुकोना, तुर्मा, खैरा, सेमरिया, सुनसुनिया, छाछी, छरछेद अन्य गांवों में धड़ल्ले से बेची जा रही है।
नहीं देते है किसी तरह का बिल


दो से तीन रूपये बाजार में मिलने वाली पानी की थैली भले ही कुछ देर के लिय आपका गला तर कर दे, लेकिन ये सेहत के लिए खतरनाक है जी हाॅ जिले में आरो मिनरल वाटर के नाम पर लोगों को बीमारियां परोसी जा रही है। गली मोहल्ले में बिन लाइसेंस के चल रहे वाॅटर पैंकिग प्लांट का पानी अशुद्ध है। जिले भर में 2 दर्जन से अधिक वाटर पैकिंग
प्लांट प्लास्टिक के पाउच में पैक्ड पानी बेचकर अपनी जेब भर रहे है लेकिन किसी भी तरह की बिल उपभोक्ता को नही दी जाती है लेकिन खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी कमीशन के आगे किसी भी प्रकार की कार्यवाही न कर नतमस्तक दिखाई दे रहे है।
मानक ब्यूरो का उल्लंघन
पानी के पाउच और पानी की बोतले शहर के मुख्य चैराहो, बस स्टैंड समेत पूरे शहर में बिक रहा है। होटल और ढाबो में भी इनकी खासी खपत है। पानी के पैकेट पाउच और बोतलो पर प्लांट संचालक न तो पैकिंग की तिथि अंकित कर रहे है और न ही उसके एक्सपायरी होने की तिथि का उल्लेख है वैसे तो पैक्ड वाटर प्लांट संचालित करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो ने मानक तय किये है लेकिन नियम कानून को घता बताते हुय ये संचालक मनमर्जी माफिक अपना व्यापार चला रहे है।
यह है नियम
भारतीय मानक ब्यूरो ने पैकेट पानी प्लांट संचालन के लिए नियम लागू किए है इसके तहत प्लांट में पानी की नियमित चेकिंग के लिए एक निजी लैब और लैब टेक्नीशियन की तैनाती, पानी का टैंक और पाइप स्टील के होने चाहिए। भूतल दौहन के लिए संबंधित स्थानीय निकाय या ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना अनिवार्य होता है लेकिन जिले में भारतीय मानक ब्यूरो की नियमों की अवहेलना कर मनमाना संचालन किया जा रहा है।
सजा और जुर्माने का प्रावधान
खाद्य एवं औषधि विभाग की माने तो पैक्ड पानी बेचने की जांच में सैम्पल अनसेफ मिला तो 6 माह की जेल और पाँच लाख रूपये जुर्माना, जांच में सब स्टैंडर्ड पानी मिलने पर पाँच लाख जुर्माना हो सकता है जबकि मिसब्रांड पानी बेचने पर तीन लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है।
मिसब्राण्ड पानी पाउच हो बंद: ऋत्विक
क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता ऋत्विक मिश्रा ने कहाँ की क्षेत्र भर में ये पानी संचालक पानी पाउच सहित बोतल में उत्पादन तिथि अंकित नही करते जिससे पूरे एरिया में संक्रमण विमारी फैल रही हैं जिसे लेकर खाद्य एवं औषधि विभाग सहित जिम्मेदार गंभीर दिखाई नही दे रहे है जिसको लेकर जल्द ही कांग्रेस पार्टी जिलाधीश से मिलकर ज्ञापन के माध्यम से अवगत करायेगा और मिसब्राण्ड बेचने वाले संचालको के ऊपर कार्यवाही के लिये अपील करेगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कर रहे गुमराह
सूत्रों की माने तो जिले भर में चल रहे दर्जनों पानी संचालक के पास कुछ को छोड़कर अधिकांश पानी संचालको के पास ना तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड़ से मान्यता है ना ही अन्य जरूरी दस्तावेज की कॉपी उपलब्ध है जिससे एक प्रकार से ये संचालक विभागीय अधिकारियों को गुमराह करते नजर आ रहे है जिस पर एरिया भर में ये पानी संचालक धड़ल्ले से बेरोकटोक अपना धंधा चला रहे है।
इनका कहना है।
अभी उत्पादन तिथि की प्रिंट मशीन खराब है इसलिए थोड़ी समस्या आ रहा है जल्द ही सुधार कर लिया जाएगा।
के एल देवांगन
संचालक , बादल मिनरल्स

आप कार्यालय आकर मिलिए मैं फोन में बात नही करता हूँ।
महेंद्र यादव
संचालक, तनु मिनरल्स

हमारे द्वारा 4-5 पानी संचालको के खिलाफ कार्यवाही की गई है जो न्यायालय में विचाराधीन है आपसे जानकारी मिल रही है यदि मिसब्राण्ड पानी बाजार में मिल रही है तो जल्द ही कार्यवाही की जाएगी।
उमेश वर्मा
खाद्य सुरक्षा अधिकारी, बलौदा बाजार

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