मौसमी बीमारियों के नियंत्रण के लिए करें कारगर उपाय : अजय चन्द्राकर
डी.के.एस. सुपर-स्पेशिलिटी अस्पताल के जीर्णोद्धार में तेजी लाने के निर्देश
प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त दवाई और उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय काम-काम की समीक्षा की
रायपुर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। श्री चन्द्राकर ने कहा कि मौसमी बीमारियों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सभी अस्पतालों मंे पर्याप्त मात्रा में दवाईयां और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हो। उन्होंने मौसमी बीमारियों के नियंत्रण एवं उपचार के लिए कारगर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में मांग के अनुरूप पर्याप्त दवाईयां और चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
श्री चन्द्राकर ने राजधानी रायपुर में बन रहे प्रदेश की शासकीय सेक्टर में पहला सुपर-स्पेशिलिटी अस्पताल की तैयारियों की भी जानकारी प्राप्त की। उन्हांेने डी.के.एस. अस्पताल को जल्द धरातल पर लाने के लिए जीर्णोद्धार के कर्यों में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री चन्द्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के गरीब परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस वर्ष विधानसभा मंे राज्य के सभी शासकीय अस्पतालों में फ्री डायोग्नोस्टिक सुविधा प्रदान करने की घोषणा की है। अतः निःशुल्क डायोग्नोस्टिक सेवा का क्रियावयन शीघ्र प्रारंभ किया जाए।
बैठक में श्री चन्द्राकर ने कहा कि पूर्ण पारदर्शिता के साथ कांउसिंलिंग की प्रक्रिया होनी चाहिए। स्वास्थ्य संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा विभाग, डीकेएस सपुर स्पेशिलिटी अस्पताल सहित अन्य सभी विभागों में सेटअप के अनुसार रिक्त पदों पर भर्ती के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार कर भर्ती करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश की जनता को त्वरित स्वास्थ्य लाभ मिले इसके लिए राज्य के अनेक अस्पतालों में खराब पड़े चिकित्सा उपकरणों को जल्द ठीक कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मशीनों का बेहतर रखरखाव और यदि उपकरण वारंटी की स्थिति में है तो तत्काल सप्लाई करनेे वालों से समन्वय कर सुधरवाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री चन्द्राकर ने हास्पिलिटी पर भी विशेष तौर पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो इसके लिए स्वास्थ्य अमलों को प्रशिक्षण दिया जाए। प्रदेश के किसी भी शासकीय अस्पताल में मरीजों के साथ दूरव्यवहार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। अस्पतालांे में पर्याप्त संख्या में शव वाहन व्यवस्था सुनिश्चित हो।
श्री चन्द्राकर ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 के लंबित एवं अधूरे निर्माण कार्यों को 30 जून तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। श्री चन्द्राकर ने कहा कि अस्पतालों के मांग के अनुरूप दवाईयां और उपकरण प्राथमिकता के तौर पर उपलब्ध करावें। मांग के अतिरिक्त दवाईयों और उपकरणों की खरीदी न की जाए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्रीमती रानू साहू, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. ए.के. चन्द्राकर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और महामारी के संचालक डॉ. आर. आर. साहनी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संचालक श्री नरसिम्हा राव, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक श्री व्ही रामाराव, आयुष के संचालक डॉ. जी.डी. बदेशा, डी.के.एस. सुपर-स्पेशिलिटी अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. पुनित गुप्ता, स्वास्थ्य बीमा योजना के नोडल अधिकारी श्री विरेन्द्र कटरे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।